ईरान के हज़ारो नागरिकों ने वार्षिक येरुशलम दिवस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मध्यपूर्व शांति योजना के प्रस्ताव की निंदा की थी। राज्य टीवी ने कहा कि “इस मार्च में समूचे ईरान से 950 समुदाय शामिल हुए थे और बैनर लिए प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए। इसमें “येरुशलम फिलिस्तीन की आंतरिक राजधानी” और “अमेरिका की मृत्यु” जैसे नारे लगाए गए थे।
राज्य के टीवी में “शताब्दी का समझौता नहीं” बैनर को अधिकतर प्रदर्शित किया गया था। इराक की राजधानी बगदाद में क़ुद्स दिवस भी मनाया गया था। ईरान की रेवोलूशनरी गार्ड्स ने बुधवार को कहा कि “अमेरिका की इजराइल-फिलिस्तीन शांति योजना विफल होने की कगार पर है और फिलिस्तीनी प्रतिरोधी आंदोलन इस योजना को प्रस्तावित करने वालो के खिलाफ दृढ़ता से विरोध करेगा।”
फिलिस्तीनी अधिकारीयों ने इस योजना को ठुकरा दिया है क्योंकि उन्हें यकीन है कि इस शांति योजना इजराइल के अधिक पक्ष में हैं। शिया ईरान फिलिस्तीनी और लेबनान के चरमपंथी समूह का समर्थन करते हैं जो इजराइल के साथ शांति समझौते का विरोध करते हैं।
ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने “ट्रम्प की योजना विफल हो सकती है। राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को कहा कि “शताब्दी का समझौता, सत्यानाश का समझौता होगा।”
इजराइल, अमेरिका और सुन्नी अरब सहयोगी सऊदी अरब ने ईरान द्वारा मध्य पूर्व में तनाव को भड़काने और आतंकवाद प्रयोजकता की आलोचना की है। तेहरान ने इसको खारिज किया है। क़ुद्स दिवस को अयातुल्ला रूहुल्लाह खोमैनी ने शुरू किया था और इसका आयोजन बीते शुक्रवार को किया गया था।