प्रयागराज, 31 मई (आईएएनएस)| उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं में धांधली उजागर होने से नाराज अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। हजारों प्रतियोगियों के जुटने से प्रयागराज-लखनऊ राजमार्ग जाम हो गया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्को बल प्रयोग किया। इसके बाद छात्रों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
प्रदर्शकारियों ने जमकर नारेबाजी की और नौकरी लौटाने की मांग वाली तख्तियां लहरा कर अपना विरोध दर्ज कराया।
प्रदर्शनकारियों ने आयोग एवं प्रदेश सरकार का पुतला फूंका। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर इकट्ठा छात्रों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की।
कई छात्र संगठनों ने सामूहिक रूप से उप्र लोक सेवा आयोग की कार्यशैली का विरोध जताया। छात्रों ने कहा कि आयोग के अफसर छात्र संगठनों से वार्ता करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। छात्रों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस, फायर ब्रिगेड व अन्य टीमों को लगाना पड़ा। प्रदर्शनकारियों के ज्यादा बवाल करने पर प्रशासन ने उन्हें लाठी फटकार कर खदेड़ा, फिर भी न मानने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।
प्रदर्शन के दौरान लोक सेवा आयोग के मुख्यद्वार पर ‘चिलम सेवा आयोग’ लिखते तीन समाजवादी कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए। इनमें राजेश यादव, संदीप यादव और उनका एक साथी शामिल है।
प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने कहा कि आयोग प्रतियोगी छात्रों के भविष्य से खेलने पर उतारू है। उन्हें सड़क पर आकर छात्रों की समस्याएं सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग में जब तक शुचिता बहाल नहीं हो जाती, तब तक कोई परीक्षा न आयोजित की जाए।
एक छात्र विवेकानंद ने कहा, “हमारी मांग है कि यूपीपीएससी नौकरी वापस लेकर उनकी फीस आदि का पैसा लौटा दे। साथ ही एक समिति का गठन कर दे, जो पूरे मामले की जांच करे।”
एडीजी एस.एन. सावंत ने बताया कि छात्रों ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन अध्यक्ष को दिया है, जिस पर उन्होंने जल्द सुनवाई करने की बात कही है।
उन्होंने बताया कि छात्र चाह रहे थे कि अध्यक्ष सड़क पर आकर छात्रों से मिलें। पर ऐसा संभव नहीं, क्योंकि वह एक संवैधानिक पद पर हैं। इसीलिए उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से छात्रों की पूरी बात सुनी है। उस पर उचित कार्यवाही भी करने का आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर किसी को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। छात्रों के बीच कुछ उपद्रवी घुस आए थे, जिन्हें पुलिस ने पहचान लिया है। छात्रों को सड़क पर आने से रोका गया था, ताकि कानून व्यवस्था ठीक रहे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से 29 जुलाई, 2018 को आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली किए जाने का मामला सामने आया था। भर्ती में पेपर आउट कराने के आरोप में परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद प्रतियोगी आयोग पर हमलावर हैं।