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    madras high court

    नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)| तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय के चेन्नई और सेलम के बीच विवादास्पद आठ-लेन एक्सप्रेसवे के भूमि अधिग्रहण घोषणा को रद्द करने के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है।

    राज्य सरकार के वकील ने न्यायमूर्ति एम.आर.साह और ए.एस. बोपन्ना की पीठ के समक्ष मामले की तत्काल सुनवाई की मांग रखी। इस परियोजना की लागत 10,000 करोड़ रुपये है।

    अदालत ने संक्षिप्त बहस के बाद मामले की सुनवाई करने पर सहमति जताई।

    मद्रास उच्च न्यायालय ने अप्रैल में एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रकिया पर रोक लगा दी थी। यह परियोजना केंद्र और तमिलनाडु सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही है।

    इस 277.30 किलोमीटर के राजमार्ग से कथित रूप से वन, कृषिभूमि की क्षति के साथ प्राकृतिक हरियाली को नुकसान पहुंचने की संभावना है।

    उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि इस तरह की बड़ी आधारभूत परियोजना के लिए पर्यावरणीय मंजूरी जरूरी है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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