यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने पाकिस्तान को करारा झटका दिया है। यूके के विज्ञापन मानक प्राधिकरण ने लंदन की बसों व टैक्सियों के ऊपर से बलूचिस्तान संबंधी पोस्टरों व नारों को हटाने से साफ इंकार कर दिया है।
बलूचिस्तान आजादी संबंधी पोस्टरों को हटाने से पाकिस्तान ने यूके प्रशासन से मांग की थी। लेकिन अब यूके की विज्ञापन मानक प्राधिकरण ने पाकिस्तान की इस मांग को ठुकरा दिया है।
यूके विज्ञापन मानक प्राधिकरण ने कहा है कि पाकिस्तान की तरफ से ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले है जिससे साबित होता है कि बलूचिस्तान पोस्टर व नारे गलत हो।
यूके विज्ञापन मानक प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा कि “हमने बलूचिस्तान पोस्टर व नारे हटाने संबंधी प्रस्ताव पर शिकायतकर्ता को सूचित कर दिया है।
हम इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगे क्योंकि हमारे पास उपलब्ध तथ्यों के आधार पर यह साबित हुआ है कि यूके कोड गैर-प्रसारण विज्ञापन (सीएपी कोड) का उल्लंघन नहीं हुआ है। इसलिए इन विज्ञापनों को हटाए जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।“
विज्ञापन कोड का हुआ है पालन
यूके विज्ञापन मानक प्राधिकरण ने बलूचिस्तान की आजादी के विषय को स्वीकार किया। वह राजनीतिक रूप से संवेदनशील था लेकिन उल्लेखनीय है कि विज्ञापनदाता को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, जब तक कि वे विज्ञापन कोड में नियमों के अनुरूप होते है।
इन विज्ञापनों में कहीं भी विज्ञापन कोड के नियमों का उल्लंघन नहीं हो रहा है। प्राधिकण ने कहा है कि फ्री बलूचिस्तान संबंधी टैगलाइनों व पोस्टरों से कहीं भी ये प्रकट नहीं होता कि इससे पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता या संप्रभुता को खतरा पैदा हो।
गौरतलब है कि कुछ हफ्तों पहले ही पाकिस्तान ने लंदन की सड़को पर चल रही बसों व टैक्सियों के ऊपर से बलूचिस्तान आजादी के संबंधी पोस्टरों व विज्ञापनों को हटाने की मांग की थी। पाकिस्तान ने अपनी मांग में बताया था कि बलूचिस्तान, पाकिस्तान का अभिन्न अंग है।
पाकिस्तान ने ब्रिटिश सरकार से इन विज्ञापनों को हटाने का दबाव डाला था। लंदन की सैकडों बसों व टैक्सियों पर फ्री बलूचिस्तान संबंधी नारे व पोस्टर लगे है।