आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर गुजरात दौरा करेंगे। इन दौरों में वो मोदी के सवालों का जवाब देंगे तो वहीं आरोपों के तोपों से बीजेपी पर प्रश्नों और इल्जामों के गोले बरसाएंगे। इस चुनाव को जीतने के लिए राहुल आम आदमी से जुड़ने की कोशिश करेंगे।
आम आदमी से वोट मांगने के लिए वो आम आदमी बनकर ही आज चुनाव में उतरेंगे। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का झंडा फहराने के लिए वो आज नुक्कड़ सभाएं करेंगे और फिर स्वामीनारायण मंदिर भी जाएंगे।
यह बात तो तय थी कि चुनावी अखाड़े में उतरने के बाद दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर राजनीतिक हमले करेंगी लेकिन यहां जो हो रहा है वो आम चुनावों से थोड़ा अलग है। इस युद्ध में राजनेता समय की प्रतीक्षा नहीं कर रहें बल्कि अपने आरोपों से समय और मौकों को अपने अनुकूल बना रहें है। दोनों ही पार्टियों ने चुनावी रैलियों में आने से पहले ही आक्रमक रूप अपना रखा है।
ट्वीटर और सोशल मीडिया में इनके बयानों से मानों आग लगा हुआ है। ठंड के इस मौसम में भी सियासत गर्म है और इतनी गर्म है कि सियासत के इस चूल्हे पर राजनेता अपनी अपनी रोटियां सेंकने की आस लगाए बैठे हैं। राहुल गांधी और बीजेपी में ट्वीटर वार चल रहा हैं।
मोदी को निशाने पर लेते हुए राहुल ने अपनी रैली से ठीक पहले लिखा हैं कि”22 सालों का हिसाब, #गुजरात_मांगे_जवाब, गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से दूसरा सवाल: 1995 में गुजरात पर क़र्ज़-9,183 करोड़। 2017 में गुजरात पर क़र्ज़-2,41,000 करोड़। यानी हर गुजराती पर 37,000 क़र्ज़। आपके वित्तीय कुप्रबन्धन व पब्लिसिटी की सज़ा गुजरात की जनता क्यों चुकाए?”
22 सालों का हिसाब,#गुजरात_मांगे_जवाब
गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से दूसरा सवाल:
1995 में गुजरात पर क़र्ज़-9,183 करोड़।
2017 में गुजरात पर क़र्ज़-2,41,000 करोड़।
यानी हर गुजराती पर ₹37,000 क़र्ज़।आपके वित्तीय कुप्रबन्धन व पब्लिसिटी की सज़ा गुजरात की जनता क्यों चुकाए?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 30, 2017
राहुल यही नहीं रुके उन्होने एक और ट्वीट में मोदी पर प्रहार किया हैं कि “22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब। गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से पहला सवाल: 2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे।
5 साल में बनाए 4.72 लाख घर। प्रधानमंत्री जी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?”
22 सालों का हिसाब,
गुजरात मांगे जवाब।गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से पहला सवाल:
2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे।
5 साल में बनाए 4.72 लाख घर।प्रधानमंत्रीजी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 29, 2017
वैसे राहुल गांधी के आरोप के जवाब में पीएमओ के ट्वीटों को भी देखा जा रहा है। अपने ट्वीट में पीएमओ ने लिखा है कि “2014 में जब हम आए तो हमें विरासत में क्या मिला था? अर्थव्यवस्था की हालत, गवर्नेंस की हालत, फिस्कल आर्डर और बैंकिंग सिस्टम की हालत, सब बिगड़ी हुई थी। हमारा देश Fragile फाइव में गिना जाता था”
2014 में जब हम आए तो हमें विरासत में क्या मिला था? अर्थव्यवस्था की हालत, गवर्नेंस की हालत, Fiscal Order और बैंकिंग सिस्टम की हालत, सब बिगड़ी हुई थी। हमारा देश Fragile Five में गिना जाता था: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2017
राहुल गांधी द्वारा देश में कोई विकास नहीं होने के इल्जामों के जवाब में पीएमओ ने लिखा है कि “बड़े और स्थाई परिवर्तन ऐसे ही नहीं आते उसके लिए पूरे सिस्टम में बदलाव करने पड़ते हैं। जब ये बदलाव होते हैं तभी देश सिर्फ तीन साल में ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस की रैकिंग में 142 से 100 पर पहुंच जाता है”
बड़े और स्थाई परिवर्तन ऐसे ही नहीं आते उसके लिए पूरे सिस्टम में बदलाव करने पड़ते हैं। जब ये बदलाव होते हैं तभी देश सिर्फ तीन साल में Ease Of Doing Business की रैकिंग में 142 से 100 पर पहुंच जाता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2017
राहुल कि तरफ से लगाए जा रहें आरोपों के जवाब में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 28 नवंबर को ट्वीट किया था कि “मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूँ कि गुजरात में आकर गुजरात के विकास का मजाक उड़ाने से अच्छा होता कि आप बस अपने मतक्षेत्र अमेठी में ही विकास और रोजगार पर ध्यान दे देते तो अमेठी के 13000 से ज्यादा लोगों को गुजरात मे रोजगार के लिए नहीं आना पड़ता”
मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूँ कि गुजरात में आकर गुजरात के विकास का मजाक उड़ाने से अच्छा होता कि आप बस अपने मतक्षेत्र अमेठी में ही विकास और रोजगार पर ध्यान दे देते तो अमेठी के 13000 से ज्यादा लोगों को गुजरात मे रोजगार के लिए नहीं आना पड़ता। pic.twitter.com/yqtc9npoF8
— Amit Shah (@AmitShah) November 28, 2017