Sun. Nov 24th, 2024
    रघुराम राजन

    न्यूयार्क, 30 मई (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन लिंकेडइन के सिवा अन्य कोई सोशल मीडिया पर नहीं हैं, लेकिन उनके नाम पर फर्जी ट्विटर खाते (अकाउंट) बनाए गए हैं।

    यह जानकारी उनके वर्तमान अकादमिक संस्थान शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रवक्ता ने दी।

    सोशल मीडिया पर उनसे जुड़े कुछ राजनीतिक बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर स्कूल के मीडिया रिलेशंस के सीनियर एसोसिएट डायरेक्टर सांद्रा जोन्स ने ईमेल के जरिए आईएएनएस को बताया, “उनके नाम से फर्जी ट्विटर खाते हैं, वे खाते उनके नहीं हैं।”

    भारत में चुनाव अभियान के दौरान और उसके बाद सोशल मीडिया पर उनके नाम से झूठे बयान भरे-पड़े थे, जिनमें से कई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की गई और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी का समर्थन किया गया था।

    जोन्स ने राजन के सोशल मीडिया खाते के संबंध में कहा, “वे फर्जी हैं।”

    उन्होंने बताया, “उनकी सोशल मीडिया गतिविधि सिर्फ लिंकेडइन पर है।” उन्होंने यह बात उनके सोशल मीडिया पर भारत के संबंध में हालिया प्रामाणिक बयान के लिंक के साथ लिखी।

    मीडिया ने जब पूछा कि नई मोदी सरकार को क्या करना चाहिए तो राजन ने लिंकेडइन पर लिखा, “हमारे अर्थशास्त्रियों के एक समूह ने हाल ही में प्रकाशित किताब ‘व्हाट इकॉनोमी नीड्स नाऊ’ में जो लिखा है उससे बेहतर मैं नहीं कह सकता।”

    उन्होंने एक वैचारिक आलेख भी पोस्ट किया जिसे उन्होंने और मैसाचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी ने टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखा है। उसमें उन्होंने अनुशंसाओं को प्रमुखता दी है।

    इन अनुशंसाओं में राज्य और केंद्र को साथ-साथ काम करने के लिए ‘सहकारी संघवाद’ मॉडल का उपयोग करते हुए विकेंद्रीकरण पर जोर दिया गया है। खासतौर से संकटग्रस्त तीन क्षेत्रों-कृषि, बिजली और बैंकिंग पर ध्यान देने और बेहतर कारोबारी माहौल बनाने के साथ-साथ शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया गया है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *