पाकिस्तान के वैश्विक आतंकी मसूद अज़हर की जैश ए मोहम्मद के छह सदस्यों को प्रतिबंधित आतंकी समूहों से अनुदान लेने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है। आतंकवाद को नेस्तनाबूत करने के लिए पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का काफी दबाव है।
पंजाब पुलिस के आतंकी रोधी विभाग ने बुधवार को कहा कि “उन्होंने आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ कार्रवाई तेज़ कर दी है और जेईएम के छह कार्यकर्ताओं को गुजरांवाला से गिरफ्तार किया गया है। सीटीडी की टीम ने जेईएम के सेफ हाउस पर धावा बोला था और मुहम्मद अफसल, मुहम्मद आमिर, अल्लाह दित्ता, मुहम्मद इफ्तिकार, मुहम्मद अजमल और मुहम्मद बिलाल मक्की को गिरफ्तार किया है और इसके आलावा वहां से लाखो रूपए बरामद किये हैं।
सीटीडी ने बयान में कहा कि “जेईएम की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए संदिग्ध अनुदान एकत्रित कर रहे हैं। गुजरांवाला में स्थित आतंक रोधी अदालत में उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। किसी को भी प्रतिबंधित संगठनों से धन इकट्ठा करने की इजाजत नहीं है।”
बीते हफ्ते जेईएम और लश्कर ए झांगवी के छह कार्यकर्ताओं को सीटीडी ने गुजरांवाला, रावलपिंडी, मुल्तान और लाहौर से आतंकियों को वित्तपोषित करने के लिए धन जुटाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सोमवार को इस्लामिक स्टेट और लश्कर ए झांगवी चरमपंथी समूहों से सम्बंधित तीन आतंकियों को सीटीडी के अधिकारीयों ने पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त से गिरफ्तार किया था।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों को एटीसी के समक्ष पेश नहीं किया गया और सीटीडी में अदालत से रिमांड की भी मांग नहीं की है। संदिग्धों को पूछताछ के लिए एक गोपनीय स्थान पर ले जाया गया है। पेरिस की अंतर्राष्ट्रीय आतंकी वित्तीय निगरानीकर्ता एफएटीएफ ने पिछले वर्ष जून में पाकिस्तान को निगरानी सूची में डाल दिया था। फरवरी में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में बरक़रार रखने का निर्णय लिया था क्योंकि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल साबित हुआ था।
पाकिस्तानी सरकार ने प्रतिबंधित समूहों के 100 से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया है इसमें जेईएम के सरगना अज़हर का बेटा और भाई भी है और इसके आलावा जेईएम,जेयूडी और एफआईएफ की संपत्ति पर भी नियंत्रण कर लिया है। 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर एक फियादीन हमला हुआ था जिसमे 40 सैनिको की मृत्यु हुई थी और इसके जिम्मेदारी जेईएम ने ली थी।
इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने नेशनल एक्शन प्लान के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया था और एफएटीएफ के सदस्यों से मिलकत की थी। यूएन ने 1 मई को मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में डाल दिया था क्योंकि चीन ने आखिरकार तकनीकी रोल को हटा लिया था।