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    मुंबई, 27 मई (आईएएनएस)| स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और अन्य छात्र संगठनों ने मुंबई के एक अस्पताल में कथित रूप से जातिवादी दुर्व्यवहार की शिकार परास्नातक मेडिकल छात्रा की आत्महत्या के मामले में विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन किया और मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

    महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमआरडी) के महासचिव डॉ. दीपक मुंडे ने आईएएनएस से कहा, “यह महाराष्ट्र में पहली बार हुआ है कि किसी परास्नातक मेडिकल छात्रा ने जाति के आधार पर कथित उत्पीड़न के बाद अपनी जिंदगी को समाप्त करने का फैसला किया है।”

    मुंडे ने कहा, “बीते तीन-चार वर्षो के दौरान हमने आरक्षित वर्ग से आने वाले छात्रों के लिए ऐसी टिप्पणियों में वृद्धि देखी है जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

    एक प्रवक्ता ने कहा कि एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने कई शहरों और मुंबई में बी.वाई.एल. नायर अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किए, जहां डॉ. पायल तडवी ने खुद को फांसी से लटका लिया था।

    एक अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच के आधार पर, अगरीपाड़ा पुलिस स्टेशन ने रविवार को आत्महत्या के लिए उकसाने, रैंगिंग करने समेत कई मामलों में कम से कम तीन महिला डॉक्टरों डॉ. हेमा आहूजा, डॉ. भक्ति मेहरे और डॉ. अंकिता खंडेलवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

    तीनों महिला डॉक्टर फरार हैं और उन्होंने एमएआरडी को पत्र लिखकर पुलिस और मीडिया के दबाव के बिना निष्पक्ष जांच की और न्याय की मांग की है।

    मुंडे ने कहा, “शुरुआती जांच के आधार पर हमने उन्हें निलंबित कर दिया है। अब उन्होंने इस मामले में मदद के लिए हमें पत्र लिखा है।”

    जलगांव के मुस्लिम जनजातीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली डॉ. तडवी ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनाकॉलोजी की दूसरी वर्ष की परास्नतक की छात्रा थीं और गढ़चिरौली के जनजातीय इलाकों में सेवा दे चुकी थीं।

    वह और उनके परिवार ने इससे पहले तीन वरिष्ठ महिला डॉक्टरों के खिलाफ अस्पताल प्रशासन से रैंगिग, जनजातीय होने को लेकर तंज कसने, ऑपरेशन थियेटर में घुसने नहीं देने, सोशल मीडिया पर अपमानजनक संदेश भेजने को लेकर शिकायत भी की थी।

    अस्पताल ने मामले में उनके यूनिट प्रमुखों डॉ. एस.डी. शिरोड़कर और विभाग प्रमुख डॉ. यी चिंग लिंग के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।

    पायल तडवी के पति सलमान तडवी आर.एन.कूपर अस्पताल में असिस्टेंट मेडिकल प्रोफेसर हैं। दोनों की शादी 2016 में हुई थी।

    जस्टिस फॉर पायल के नाम से पायल को इंसाफ दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू की गई है जिसका समर्थन पूरे देश की कई नामी हस्तियों ने किया है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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