मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भारत के लिए 4 विश्वकप खेले है जिसमें से उन्होने तीन में भारतीय टीम के नेतृत्व किया था। उन्होने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में बताया है कि अभियान के शुरुआत में टीम कहा गलत गई और टीम के विश्वकप जीतने के मौको के बारे में भी बात की।
आपने लगातार (1992, 1996, 1999) में तीन विश्वकप में टीम की कप्तानी की है। कोई एक ऐसा कारण था जिसकी वजह से टीम खिताब पर कब्जा नही कर पाई थी?
हमने उस दौरान अच्छी क्रिकेट खेली थी लेकिन वह विश्वकप ट्रॉफी में कब्जा करने के मुताबिक अच्छी क्रिकेट नही खेल सके। हमारे पास 1996 में विश्वकप जीतने का अच्छा मौका था लेकिन हम सेमीफाइनल में श्रीलंका से हार गए।
भारत के विश्वकप जीतने के बारे में क्या कहेंगे?
भारत अच्छा कर रहा है। मुझे लगता है भारत खिताब पर कब्जा करने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ संयुक्त पसंदीदा है।
क्या आपको लगता है किवी खिताब के दावेदार हैं?
हां बिलुकल। जब आप विश्वकप इतिहास के पुराने रिकॉर्ड उठाकर देखते है तो, न्यूजीलैंड हमेशा से बहुत प्रतिस्पर्धी रहा है। यह उनका एक खराब भाग्य रहा है कि वह एक बार भी खिताब पर कब्जा नही कर सके। लेकिन वह खिताब पर कब्जा करने के लिए दावेदार है। मुझे यकीन है कि केन विलियमसन, रॉस टेलर और उनके कई खिलाड़ी इस बार भी एक अच्छे ब्रांड का क्रिकेट दिखाएंगे।
क्या आप भारत की वर्तमान टीम की मजबूती के बारे में बताएंगे?
टीम ऋषभ पंत और उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी को याद करने वाली है। वह कभी भी परिस्थिति के बारे में नही सोचते है और अपने खेल से मतलब रखते है और गेंद को बहुत आक्रमकता से मारते है।
भारतीय टीम की पूरी ताकत के बारे में बताए….
भारतीय टीम के पास अच्छे ओपनर है जिनके पीछे मजबूत कोहली है। नंबर चार पर विजय शंकर बल्लेबाजी कर सकते है। हमारे पास उचित बल्लेबाजी ताकत है। हार्दिक पांड्या भारत की बल्लेबाजी में एक्स-फेक्टर जोड़ सकते है। टीम के पास अच्छा गेंदबाजी आक्रमण है। इस समय विश्व में जसप्रीत बुमराह सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज है। कुलदीप-चहल और जडेजा की स्पिन जोड़ी एक मजबूत स्पिन आक्रमण बनाती है। अगर वह शांत प्रभाव से खेलते है तो टूर्नामेंट में किसी भी टीम को मात दे सकते है।