नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा की धनशोधन के एक मामले में जमानत रद्द करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उन्हें एक जवाब दाखिल करने को कहा।
न्यायमूर्ति चंद्रशेखर ने वाड्रा और उनके करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को तय की है।
ईडी ने यह कहते हुए वाड्रा को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करने की मांग की थी कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
निचली अदालत ने एक अप्रैल को उनकी अग्रिम जमानत मंजूरी की थी।
उच्च न्यायालय में दाखिल अपनी याचिका में ईडी ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि वाड्रा को गिरफ्तारी से संरक्षण मामले की निष्पक्ष जांच के लिए नुकसानदायक होगा।
यह मामला वाड्रा की 19 लाख पाउंड की विदेशी संपत्ति के अधिग्रहण से संबंधित है। यह कर चोरी के लिए बनाई गई अघोषित विदेशी संपत्तियों और संस्थाओं से संबंधित है।
ईडी ने उच्च न्यायालय को बताया कि संपत्तियां खरीदने, लेन-देन का पता लगाने और धन शोधन में उपयोग किए गए धन का स्रोत जानने के लिए वाड्रा से पूछताछ जरूरी है।
ईडी ने अपनी याचिका में कहा, “चूंकि यह सर्वविदित है कि अग्रिम जमानत अपराध की जांच को कुछ हद तक प्रभावित करती है, लिहाजा अदालत को ऐसे समय काफी सतर्क होना चाहिए।”
ईडी के अनुसार, “यह उन्हीं कारणों के लिए है कि अग्रिम जमानत मंजूर करने के लिए जरूरी कारक सामान्य जमानत मंजूर करने के लिए जरूरी कारकों से भिन्न होते हैं।”
ईडी ने ध्यान दिलाया कि इसकी संभावना है कि वाड्रा मामले से संबंधित सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं या गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।