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    अमेरिका और ईरान

    ईरान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी मीज़ान ने शनिवार को कहा कि “अमेरिका के खाड़ी में भेजे गए युद्धपोतों को ईरान अपनी मिसाइल और ख़ुफ़िया हथियारों से डूबा सकता है।” अमेरिका ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह मध्य पूर्व में 15000 सैनिको को तैनात करेगा ताकि ईरान के आक्रमण से बचाव किया जा सके।

    बीते महीने यूएई के तट पर हुए हमले का कसूरवार अमेरिका ने ईरान पर लगाया था। ईरान के सैन्य कमांड के सलाहकार जनरल मोर्तेजा क़ुर्बानी ने कहा कि “अमेरिका इस क्षेत्र में दो युद्धपोतों को भेज रहा है। अगर वह किसी बेवकूफी को अंजाम देता है तो हम क्रू के साथ इन जहाजों को भेज देंगे और मिसाइल के लोड विमानों और दो नए ख़ुफ़िया हथियारों को भेज देंगे।”

    ट्रम्प प्रशासन के मुताबिक, ईरान के संभावित हमले के कारण अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी मौजूदगी में काफी इजाफा किया है। अमेरिका ने पर्शियन गल्फ में एक जंगी विमान और बी-52 बमवर्षक की तैनाती का निर्णय लिया था। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है।

    शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग में पेंटागन के अधिकारीयों ने कहा कि “करीब 600 सैनिको को पेट्रियट बैटरी के साथ क्षेत्र में पंहुच चुके हैं। और शेष 900 सैनिको को रडार और ड्रोन निगरानी के लिए रखा गया है।”

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष साल 2015 में ईरान और अन्य वैश्विक ताकतों के साथ हुई संधि को तोड़ दिया था ताकि ईरान की सरकार को परमाणु कार्यक्रम बंद करने के लिए मज़बूर कर सके।

    विश्वनीय ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्शियन गल्फ में ईरान छोटी नावों में मिसाइल भर रहा था। ट्रम्प प्रशासन ने पश्चिमी एशिया में अपनी सैन्य मौजूदगी में काफी इजाफा किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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