नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)| देश में आम चुनाव में चली भगवा लहर से ममता बनर्जी शासित पश्चिम बंगाल भी अछूता नहीं रहा। भाजपा ने राज्य में शानदार सफलता प्राप्त की है जहां आज से पहले उसे किसी ताकत के रूप में नहीं पहचाना जाता था।
राज्य की 42 लोकसभा सीट के लिए कांटे की टक्कर हुई जिसमें तृणमूल कांग्रेस को 22 और भाजपा को 18 पर विजय मिली।
साल 2014 के आम चुनाव में तृणमूल को 34 और भाजपा को महज दो सीट मिली थीं।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भगवा दल का राज्य में वोट शेयर 2014 के 17.02 फीसदी से बढ़कर 40.25 फीसदी हो गया है।
तृणमूल का वोट शेयर भी 39.79 फीसदी से बढ़कर 43.33 फीसदी हो गया है।
राज्य में 1977 से 2011 तक राज करने वाले माकपानीत वाम मोर्चे को एक भी सीट नहीं मिली और सात फीसदी वोट मिले। मोर्चे ने 2014 में दो सीट जीती थीं।
कांग्रेस का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा और उसे दो सीट पर जीत मिली। उसका वोट शेयर इस बार 5.61 फीसदी रहा। 2014 में पार्टी ने चार सीटें जीती थीं।
राज्य में भाजपा और तृणमूल के बीच बेहद कड़वाहट भरा मुकाबला देखा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “इतनी हिंसा और धांधली के बावजूद भाजपा पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीतने में सफल रही। इससे पता चलता है कि भाजपा आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत स्थापित कर लेगी।”