उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को कहा कि “जब तक अमेरिका अपनी मांगो में परिवर्तन नहीं करता परमाणु वार्ता बहाल नहीं होगी। अमेरिका की मांगो को प्योंगयांग ने एकतरफा करार दिया था।” यह बयान उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्टेट मीडिया में जारी किया था।
हाल ही में उत्तर कोरिया ने दो अलग मौकों पर इस महीने की शुरुआत में शार्ट रेंज मिसाइल का परिक्षण किया था और इसका मकसद अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर दबाव बढ़ाना था। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बातचीत फरवरी से ठप पड़ी हुई है।
फरवरी में वियतनाम में आयोजित दुसरे शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं ने मुलाकात की थी लेकिन प्रतिबंधों से निजात के सम्बन्ध में मतभेदों को दूर करने में नाकाम रहे थे। उत्तर कोरिया ने परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया की तरफ बढ़ने से के बदले प्रतिबंधों से मुक्ति की मांग की थी। हालाँकि दोनों मुल्क रज़ामंद नहीं हो सके और शब्दों से प्रहार का दिएर शुरू हो गया था।
किम ने ऐलान किया कि ट्रम्प प्रशासन को इस साल के अंत तक दोनों पक्षों द्वारा सहमत समझौते को पेश करने को कहा है। किम जोंग उन ने वांशिगटन पर बदनीयत से कार्य करने का आरोप लगाया था और इस साल के अंत तक का वक्त दिया है।
उत्तर कोरिया ने बुधवार को दो शार्ट रेंज मिसाइल को दागा था। इन्हे उत्तरा पियोंगन प्रान्त के कुसंग से लांच किया गया था। यह मिसाइल ने पूर्व की तरफ 270 से 420 किलोमीटर तक उड़ान भरी थी। हाल ही में उत्तर कोरिया ने अमेरिका को मालवाहाज जहाज को अपमानजनक तरीके से जब्त करने पर चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा कि “वांशिगटन के हर एक कदम पर प्योंगयांग करीबी से निगरानी रखता है। उसका मकसद उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव बनाकर उन्हें घुटनो पर लेकर आना है।”