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    बांग्लादेशी कैमरामैन

    बांग्लादेश के विभागों ने बीते महीने में दो मशहूर न्यूज़ वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया है 19 मई से परिबोर्तन.कॉम की साइट बंद है जबकि बांग्ला.रिपोर्ट को सरकार ने बीते महीने बगैर किसी स्पष्टीकरण के ब्लॉक कर दिया था। परिबोर्तन.कॉम के मैनेजिंग एडिटर अबू सूफ़िआन ने कहा कि वेबसाइट को किस कारण से बंद किया गया यह अभी तक उन्हें नहीं पता है।

    अल जजीरा के मुताबिक उन्होनें कहा कि “हमें कोई कारण नहीं दिया गया था। हमने बांग्लादेश टेलीकम्यूनिकेशन रेगुलेटरी कमीशन से संपर्क किया था लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने साइट पर पहुंच को ब्लॉक नहीं किया है। हम अभी भी इसका कारण जानने के लिए अन्य विभागों से सम्पर्क साध रहे हैं।”

    बांग्ला.रिपोर्ट के संपादक रफीजुल रंजू ने कहा कि “जब तक कोई वेबसाइट एक रिपोर्ट को हटा नहीं देती एक अविलम्बी मंत्री वेबसाइट को बंद करने की धमकी देता है। हमें वह न्यूज़ नहीं हटाई और कुछ ही घंटो में वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया था। तो हमारा यह कारण मान लेका काफी है कि मंत्री के आदेश पर ही वेबसाइट को बंद किया गया था।”

    हालिया महीनो में विभागों ने 54 न्यूज़ पोर्टल और वेबसाइट को सुरक्षा करने से बंद किया है और इसमें मुख्य विपक्षी पार्टी की वेबसाइट भी शामिल है। अल अलजजीरा ने मार्च में तीन व्यक्तियों के लापता होने के पीछे एक आला रक्षा अधिकारी का हाथ होने के बाबत एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी और अल जजीरा की वेबसाइट को भी ब्लॉक कर दिया था। बांग्लादेश में अभी भी अल जजीरा तक पंहुच ब्लॉक है।

    बांग्लादेश मीडिया इंडस्ट्री के स्त्रोत के हवाले से एएफपी न्यूज़ एजेंसी ने रिपोर्ट प्रकाशित कर बताया कि परिबर्तन.कॉम की वेबसाइट ने मुस्लिम चरमपंथ के खिलाफ अखबार एडवेर्टीस्मेंट के पीछे वित्तीय सवालों को  उजागर किया था और इसके बाद सुरक्षा विभाग ने वेबसाइट को ब्लॉक करने के आदेश दे दिए थे।

    मुस्लिम समूहों ने इस एड की निंदा की थी, इसमें इस्लामिक भावना को चरमपंथ से जोड़ने के संकेत थे। 12 मई को एड “आतंकियों की पहचान” के नाम से प्रकाशित हुआ था और कई अखबारों ने इसे प्रकाशित किया था। 16 मई को  आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संप्रीति बांग्लादेश ने इस एड से सम्बन्ध होने की मात को खारिज कर दिया था।

    इस एड के संयोजक पीजूष बंदोपाध्याय ने दावा किया कि “इस तरह के एड का प्रकाशन एक दुष्टता की कोशिश है जिसमे हमारे संगठन के खिलाफ झूठी खबर फैलाकर राष्ट्र को गुमराह किया जा रहा है। हमारा इस एड से कोई सम्बन्ध नहीं है।”

    प्रेस कांफ्रेंस के आधार पर परिबर्तन.कॉम ने 16 मई को एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसका शीर्षक था “पियूष नहीं, तो किसने एड प्रकाशित  किया था ?” और इसके बाद उनकी साइट तक पनच बंद कर दी गयी थी।

    मंत्री की धमकी

    बांग्ला.रिपोर्ट के मामले में अलजजीरा को दो फ़ोन पर हुए संवाद प्राप्त हुए थे इसमें पत्रकारों और मंत्री मुस्तफा जब्बार की बातचीत थी। पहली बातचीत में जब्बार ने पॉर्लर से इस कंटेंट को हटाने की मांग की थी और ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी।

    दूसरी बातचीत में पत्रकार मंत्री से वेबसाइट ब्लॉक करने के बाबत पूछ रहा है। जब्बार ने कहा कि “मुझे जो करने की जरुरत थी वो मैंने किया। मेरे पास ज्यादा कहने के लिए कुछ भी नहीं है।” रंजू  ने कहा कि “देश में कानून है और अगर सरकार चाहती है और कोई खबर कानून के खिलाफ उन्हें लगती है तो न्यूज़ वेबसाइट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है।”

    मंत्री जब्बार ने कहा कि “बांग्लादेश विभाग के समक्ष वेबसाइट को बंद करने का अधिकार है। अगर वेबसाइट पर प्रकाशित खबर राज्य के हित के खिलाफ है तो साइट को बंद करना ही होगा। मैं बांग्लादेश जे टेलोकमुनिकेशन मंत्री हूँ और मेरा कहना बनता है।” साल 2019 के विष प्रेस आज़ादी की सूची में बांग्लादेश 180 देशों की सूची में 150 वें पायदान पर है।

    स्वीडन में स्थित बांग्लादेशी पत्रकार ने कहा कि “बांग्लादेश अब तेज़ी से पुलिसिया राज में बदलता जा रहा है, जहां सरकार मनमाने ढंग से जनता तक खबर की पंहुच का चयन करेगी। न्यूज़ साइट को ब्लॉक करना देश में सेंसरशिप का मामला है जिसमे विभागों को अपनी कार्रवाई का कोई नोटिस नहीं भेजा होता है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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