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    सीरिया की जंग

    सीरिया में अमेरिका के विशेष राजदूत ने बुधवार को कहा कि “अमेरिका इदलिब प्रान्त में सीरिया की सरकार द्वारा कथित रासनायिक हथियारों के इस्तेमाल की पुष्टि नहीं सकता है। हम हालातो पर और रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की रिपोर्ट्स पर पैनी निगाह बनाये हुए हैं। इसलिए हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं लेकिन इस पर निगाह बनाये हुए हैं।”

    एक दिन पूर्व अमेरिका ने आरोप लगाया था कि सीरिया की सरकार जवाबी आक्रमण में रासनायिक हमलो को अंजाम दे रही है। वह इस्लामिक चरमपंथियों के उत्तर पश्चिमी इलाके में केमिकल हथियारों का इस्तेमाल कर रही है।

    बयान में अमेरिका के राज्य विभाग ने कहा कि “हमें निरंतर संकेत मिल रहे हैं कि असद सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल दोबारा शुरू कर दिया है। 19 मई 2019 को उत्तरपश्चिमी सीरिया में क्लोरीन से हमला किया गया था।” यह हमला 19 मई इदलिब की सीमा पर हुआ था।

    सीरिया की सरकार पर क्षेत्र में नागरिकों को निशाना बनाने के भी आरोप लगे हैं और संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय तबाही की चेतावनी दी है। सीरिया के राष्ट्रपति विद्रोहियों के आखिरी गढ़ इदलिब पर नियंत्रण करने की चाह रखते हैं। सीरिया में साल 2011 से बहुपक्षीय जंग जारी है और इसमें रूस, ईरान और तुर्की भी शामिल है।

    अंतर्राष्ट्रीय जांचकर्ताओं के मुताबिक, सीरिया की सरकार ने बर्बर नागरिक युद्ध में सिलसिलेवार तरीके से रासनायिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। इस जंग में 370000 लोगो की मौत हुई है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। 25 अप्रैल से इदलिब में 167 नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है। सीरिया में जंग की शुरुआत साल 2011 में हुई थी।

    अमेरिका ने सख्त लहजे में कहा कि ““हम अभी भी वारदात की सूचना एकत्रित कर रहे हैं लेकिन हम अपनी चेतावनी दोहराना चाहते हैं यदि असद सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया होगा तो अमेरिका और उसके सहयोगी इस जवाब तत्काल और उचित ढंग से देंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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