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    ईरान और अमेरिका के ध्वज

    रेवोलूशनरी गार्ड्स के कमांडर ने बुधवार को कहा कि अमेरिका या उसके सहयोगी ईरान पर “प्रतिरोध की भावना” के कारण हमले की हिम्मत नहीं कर सकता है। अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी और क्षेत्रीय सहभागी हमसे इसलिए सैन्य आमना सामना नहीं चाहते है क्योंकि हमारी प्रतिरोध की क्षमता उच्च और आवाम व युवाओं में कुर्बानी की भावना है।

    अमेरिका ने मध्य पूर्व में ईरानी खतरे के प्रतिकार के लिए अमेरिका सेना की मौजूदगी में इजाफा किया था। वांशिगटन ने यूएई के तट फ़ुजैरह पर एक युद्धपोत और बी 2 बमवर्षक की तैनाती के आदेश दिये थे ताकि ईरान के संभावित खतरे से निपटा जा सके ।

    वांशिगटन ने पर्शियन गल्फ में सैनिको की संख्या को बढ़ा दिया है। अमेरिका के दावो वाली तस्वीरों के मुताबिक, ईरान छोटी पारंपरिक नावों में मिसाइल को लोड करते दिख रहा है।

    अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। अमेरिका की सरकार ने ईरान पर कई स्तरों के प्रतिबंधों को थोप दिया है। पेंटागन ने शुक्रवार को मध्य पूर्व में पेट्रियट मिसाइल डिफेंस बैटरी और नौसैन्य जहाज की तैनाती को मंजूरी दी थी।

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष 2015 में ईरान के साथ हुई संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर दोबारा सभी प्रतिबंधों को थोप दिया था। वाशिंगटन ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश व बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए नया परमाणु करार चाहता है।

    हाल ही में दो सऊदी अरब के जहाजों सहित रविवार को यूएई के जलमार्ग पर चार टैंकर रहस्मय तरीके से क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसके बाद मंगलवार को ड्रोन से सऊदी की तेल पाइपलाइन पर हमला किया गया था जिसकी जिम्मेदारी यमन के हूथी विद्रोहियों ने ली थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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