नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)| चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट एप से मिले प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, मुंबई उत्तर लोकसभा सीट पर सर्वाधिक 167 ट्रांसजेंडरों ने मतदान किया। यह संख्या देश की किसी भी लोकसभा सीट पर पड़े ट्रांसजेंडर वोट से अधिक है।
अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में, ट्रांसजेंडर्स द्वारा किए गए मतदान की संख्या शून्य या 10 से नीचे थी। इनमें कई बड़े शहरों के नाम भी शामिल थे।
वोटर टर्नआउट एप के अनुसार, बेंगलुरू उत्तर सीट पर ‘अन्य’ श्रेणी में 105 वोट डाले गए, जो दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। लोकसभा चुनाव के छठे चरण तक इस एप के आंकड़ों के अनुसार, यह संख्या कल्याण में 72, पुडुचेरी में 71, तिरुचिरापल्ली में 64 और चेन्नई सेंट्रल में 55 रही।
यदि सामान्य मतदान की बात करें तो मुंबई और बेंगलुरू निर्वाचन क्षेत्रों में कम मतदान हुआ। बेंगलुरू उत्तर में मतदान प्रतिशत मात्र 54.66 रहा।
छोटे शहरों में जहां ट्रांसजेंडर दहाई अंक में थे, उनमें आंध्र प्रदेश का नंदयाल (71) और कडपा (68), मध्य प्रदेश का भोपाल (66), छत्तीसगढ़ का रायपुर (33), गुजरात का आनंद (30) और उत्तराखंड का हरिद्वार (22) शामिल हैं।
ट्रांसजेंडर्स को ‘अन्य’ श्रेणी में रखना एक हालिया घटना है, लेकिन बहुत कम लोग पंजीकरण के लिए आगे आए।
पूरे देश में ‘अन्य’ श्रेणी में केवल 38,325 मतदाता सूचीबद्ध हैं। अकेले कर्नाटक में 4,000 से ज्यादा ‘अन्य’ मतदाता हैं। जबकि महाराष्ट्र में यह संख्या 1,800 से अधिक है और दिल्ली में 660 है।
90 करोड़ सशक्त भारतीय मतदाताओं में ट्रांसजेंडरों की संख्या बहुत कम है।
2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में ट्रांसजेंडर्स की आबादी 4.9 लाख है।
देश की राजधानी में, चांदनी चौक इलाके में ‘अन्य’ श्रेणी में सर्वाधिक 46 वोट पड़े।