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    लड़ाकू विमान

    पाकिस्तानी वायुसेना की क्षमता में इजाफा करने के लिए चीन ने पहला मरम्मत किया हुआ जेएफ-17 लड़ाकू विमान पाकिस्तान के हवाले कर दिया है और यह दशकों पूर्व दोनों देशों के बीच हुए एयरक्राफ्ट के उत्पादन और विकास समझौते के तहत हुआ है।

    चीन और पाकिस्तान ने जेएफ-17 लड़ाकू विमान के संयुक्त विकास और उत्पादन की शुरुआत एक दशक पूर्व कर दी थी। बीजिंग ने पहला बैच साल 2017 में पाकिस्तान को डिलीवर किया था और बाद में इसमें से कई पर पाकिस्तानी वायुसेना का अधिकार था।

    सैन्य विश्लेषक के मुताबिक, एक दशक के इस्तेमाल के बाद जेएफ-17 की मरम्मत की जानी जरुरी थी। साल 2016 में दोनों पक्षों के समझौते पर हस्ताक्षर बाद पहली मरम्मत नवंबर 2017 में शुरू हो गयी थी। राज्य के मालिकाना हक़ वाली कंपनी एविएशन इंडस्ट्री के अंडर चांग्सा 5712 एविएशन इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड ने विमानों की मरम्मत की और मार्च में अपने पाकिस्तानी दोस्त के सुपुर्द कर दिया था।

    यह पहली दफा है जब तीसरी पीढ़ी के विमान को निर्यात के लिए दोबारा निर्मित किया गया है। पहली मरम्मत महत्वपूर्ण थी और यह प्रोजेक्ट के ट्रायल एंड एरर फेज का प्रतिनिधित्व करती है। विमानों की मरम्मत में रखरखाव, फीचर रिपेयर और पुराने उत्पादों की रिप्लेसमेंट भी शामिल है।

    जेएफ-17 के ब्लॉक 3 वैरिएंट का विस्तार अभी जारी है। इसके पिछले दो ब्लॉकों से अधिक ताकतवर होने की सम्भावना है। चीन आधुनिक तरीके के विमानों को विकसित कर रहा है और अभी विमान के इंजन का निर्माण होना शेष है और यह अधिकतर रुसी निर्यात पर निर्भर है।

    किन्शाओ ने कहा कि “विमान का नियमित रखरखाव आउट मानक सेना पूरा करेगी। ऐसे मरम्मत वर्षों के इस्तेमाल के बाद भी फ्लाइट सुरक्षा सुनिश्चित करती है। विमान आधुनिक तकनीक से लैस है और और उसकी क्षमता व्यापक है।

    पाकिस्तान ने कई इंजीनियर चीन में भेजे हैं। किन्शाओ के मुताबिक, भविष्य में जेएफ-17 की मरम्मत पाकिस्तानी के सैनिको के द्वारा की जाएगी। चीन-पाकिस्तान सहयोग के तहत पाकिस्तानी एविएशन इंडस्ट्री का विकसित होना जारी रहेगा। जेएफ-17 दोनों देशों के बीच करीबी रक्षा सहयोग का भाग है जिसके तहत पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक चीन बन गया है। चीन मौजूदा समय में पाकिस्तान के लिए आधुनिक नौसैन्य युद्धपोत का निर्माण कर रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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