स्विट्ज़रलैंड ने उत्तर कोरिया में मानवीय सहायता के लिए पांच लाख से ज्यादा की राशि का अनुदान किया है ताकि गरीब देश के स्वास्थ्य और पोषण में बेहतरी हो सके। प्योंगयांग दशकों से सूखे के मार झेल रहा है। यूएन के दफ्तर कोआर्डिनेशन ऑफ़ हुमानिटरियन अफेयर्स के आंकड़ों के मुतबिक, उत्तर कोरिया के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम में बीते माह स्विट्ज़रलैंड ने 49.8 लाख डॉलर की राशि अनुदान में दी थी।”
इसके बाद रूस ने 40 लाख डॉलर, स्वीडन और कनाडा ने क्रमश 24.4 लाख डॉलर और 570000 डॉलर दिए हैं। प्योंगयांग बीते 37 वर्षों में सबसे बुरे सूखे के दौर से गुजर रहा है। अगले माह बोई जाने वाली फैसले का भी खराब होने का भय है।
डब्ल्यूएफपी के मुताबिक वहां भोजन ग्रहण करने का स्तर काफी निम्न है और परिवारों को मज़बूरन भोजन में कटौती या कम खाना ग्रहण करना पड़ रहा है। डब्ल्यूएफपी और कृषि संघठन की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में साल 2008 के बाद फसल पैदावार सबसे कम है। करीब एक करोड़ लोगो को भोजन की तत्काल जरुरत है।
यूएन ने सोमवार को उत्तर कोरिया में मानवीय सहायता के लिए प्रतिबंधों से रिआयत दे दी है और यूनिसेफ देश में सहायता कार्यक्रम का आयोजन कर सकता है। इसमें स्वच्छ जल, दवाइयां और भोजन उत्तर कोरिया को मुहैया किया जायेगा। उत्तर कोरिया पर अमेरिका और यूएन के प्रतिबन्ध भी लागू है क्योंकि प्योंगयांग निरंतर शार्ट रेंज मिसाइल का परिक्षण किया था।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के तहत मानवीय गतिविधियां प्रतिबंधित नहीं होती है लेकिन इससे सम्बंधित पदार्थों के लिए यूएन से रिआयत की मंज़ूरी जरुरी थी। मंज़ूरी दिए गए पदार्थों की कीमत करीब 57.5 लाख डॉलर है इसमें हेल्थ किट्स, व्हीलचेयर और बिजली के यंत्र भी शामिल है। इसमें सबसे कीमती उपकरण वैक्सीन कोल्ड चैन हैं जो डेनमार्क का है और इसकी कीमत 38.7 लाख डॉलर है।