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    लखनऊ, 21 मई (आईएएनएस)| लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होने के साथ ही विभिन्न मीडिया संस्थानों ने एग्जिट पोल जारी किए। एग्जिट पोल के रुझानों में राजग की सत्ता में वापसी दिखाई गई है। एक्जिट पोल के नतीजों को विभिन्न दलों ने अपने-अपने तरीके से लिया है। आम जनता की भी इस पर अपनी राय है। कुछ इसे सही मानते हैं, तो कुछ गलत।

    एग्जिट पोल के बाद बने वातावरण में आईएएनएस ने राज्य की राजधानी में आम लोगों के बीच जाकर उनकी राय ली है।

    चाय कारोबारी राकेश के अनुसार, एग्जिट पोल और मतदान के परिणाम कभी-कभी समानांतर चलते हैं तो कभी बिल्कुल अलग हो जाते हैं। उन्होंने कहा, “बिहार चुनाव में इसका परिणाम देखने को मिल चुका है। जब चुनाव के परिणाम एक्जिट पोल से बिल्कुल अलग थे। हालांकि इस बार के पोल ज्यादातर राजग की सरकार बनवा रहे हैं। ये सही हो सकते हैं। लेकिन सही जानकारी तो 23 को ही मिलेगी।”

    एक प्राइवेट संस्थान में काम करने वाले अमित कहते हैं, “ज्यादातार एग्जिट पोल सही होते हैं। ये भी सही होंगे। एक गलत होगा, दूसरा गलत होगा, मगर यहां तो सभी सही आ रहे हैं। इसीलिए देश में राजग की ही सरकार बनने जा रही है। इसमें कोई संशय नहीं है।”

    एक निजी कंपनी में कार्यरत अनुज गुप्ता के अनुसार, “एग्जिट पोल के इस बार के नतीजे 101 प्रतिशत सत्य साबित होंगे। यहां पर मोदी सरकार ही बनेगी। गठबंधन किसी को समझ में नहीं आया है। हालांकि सीटों के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। लेकिन यह तो सत्य है कि मोदी ने देश की सुरक्षा के लिए बहुत काम किया और करना बाकी है। इसलिए पांच साल देना जरूरी होता है।”

    कारोबारी मनीष कुमार भी गुप्ता की तरह एग्जिट पोल को लेकर सकारात्मक हैं। उन्होंने कहा, “एग्जिट पोल बिल्कुल सही हांेगे। मोदी की सरकार भी बन रही है। प्रदेश में गठबंधन धरासायी हो गया। एग्जिट पोल न भी आते तब भी यहां पर मोदी की सरकार बनती। क्योंकि देश की सुरक्षा बड़ी बात है। पुलवामा अटैक के बाद यह साबित हो गया कि मोदी जो कहता है, वह करता है। हालांकि नोटबंदी ने व्यापार को बहुत चौपट किया है। लेकिन देश के लिए मोदी सरकार जरूरी है। गठबंधन में कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता नहीं है। अखिलेश अभी परिपक्व नहीं हैं। मायावती को जाति-बिरादरी से मतलब है। ऐसे में देश को कौन बचाएगा।”

    लखनऊ हजरत गंज में पान की दुकान चलाने वाले अर्जुन की भी ऐसी ही राय है। वह कहते हैं, “एक्जिट पोल 95 प्रतिशत सत्य है। मोदी की ही सरकार बनेगी। आशा है तभी वोट भी दिया है।” लेकिन अर्जुन यह भी चाहते हैं कि बड़े स्तर के जितने भी नेता हैं, सभी को जीतना चाहिए।

    दिलीप यादव सरकारी नौकरी करते हैं। उनका कहना है कि देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बननी चाहिए, जो एक्जिट पोल में साफ हो गया है। उन्होंने कहा, “खिचड़ी सरकार बनने में दुविधा है। हर महीने प्रधानमंत्री बनाने के लिए माथा-पच्ची करनी पड़ती। इससे देश का नुकसान भी होता है।”

    लखनऊ की ही गृहिणी रेनू यादव महिलाओं के प्रति मोदी की सोच से प्रभावित हैं। वह कहती हैं, “मोदी ने महिलाओं के लिए बहुत काम किया है। इसीलिए इस सरकार को दोबारा आना चाहिए। एग्जिट पोल के सारे नतीजे सही होंगे।”

    समाजसेवी अनिल सिंह की राय हालांकि अलहदा है। वह कहते हैं, “एग्जिट पोल में उप्र की तस्वीर साफ नहीं है। यहां पर गठबंधन को ही बढ़त मिलेगी। यहां अखिलेश और माया का काम ही लोगों के दिमाग में है। सरकार की पांच साल की नाकामी भी घर कर गई है।”

    कॉलेज छात्र रमेश चन्द्र एक्जिट पोल को खारिज करते हैं। उनका कहना, “एग्जिट पोल सही नहीं होते हैं। जमीन पर जाने से हकीकत का पता चलता है। यहां पर सभी परेशान हैं, इसलिए यह सरकार बदलनी चाहिए। देश में एक सेकुलर सरकार आनी चाहिए।”

    लखनऊ चौक की निवासी गृहिणी नसीमा बानो का कहती हैं, “सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए बहुत काम किया है। तीन तलाक जैसे दकियानूसी फारमान से हमें मुक्ति दिलाने की कोशिश की है। एक बार और सरकार बनी तो हमे पूर्णतया मुक्ति मिलेगी। एग्जिट पोल सही होंगे। देश में राजग की सरकार बनेगी।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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