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    युजवेंद्र चहल

    30 मई से इंग्लैंड और वेल्स में विश्वकप 2019 का शुभआरंभ होने वाला है और इंग्लैड की गरम परिस्थितियो में सभी 10 टीमो को सपाट पिचे मिलने वाली है जहां तेज गेंदबाजो के लिए गेंदबाजी करना आसान नही होगा। ऐसे माहौल में कप्तान अपने स्पिनरो पर ज्यादा भरोसा करते दिखाई देंगे क्योंकि मध्य ओवरो में स्पिनर इस लंबे टूर्नामेंट में अहम भूमिका निभा सकते है।

    हाल में समाप्त हुई इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच पांच वनडे मैचो की सीरीज में मामूली स्कोर 330 के पार था। ऐसे में अगर किसी टीम को आगामी विश्वकप में 350 के स्कोर का लक्ष्य का पीछा करना है तो टीम आसानी से पीछा करने में कामयाब हो सकती है।

    ऐसी परिस्थितियों में स्पिनर की भूमिका बहुत मायने रखती है क्योंकि स्पिनर मध्य में ओवर फेंक कर टीमो को बड़ी साझेदारियो से छुटकारा दिलवा सकते है। तो ऐसे में इस विश्वकप को स्पिनरो के विश्वकप भी कहा जा सकता है।

    तीन ऐसे स्पिनरो में नजर डालते है जो 30 मई से शुरु होने वाले विश्वकप में अपने प्रदर्शन से तूफान खड़ा कर सकते है-
    युजवेंद्र चहल (भारत)

    यह युजवेंद्र चहल का पहला विश्वकप होने जा रहा है लेकिन वह टीम के एक ऐसे महत्वपूर्ण गेंदबाज होंगे जिन पर कप्तान विराट कोहली पूरी तरह से निर्भर हो सकते है। भारत अपने अभियान की शुरुआत दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ 5 जून को करेगी।

    साल 2016 में अपने डेब्यू के बाद से ही चहल वनडे क्रिकेट में सबसे प्रभावित करने वाले स्पिनर रहे है और वह टीम के लिए लगातार विकेट चटकाते आए है। उन्होने और कुलदीप यादव ने साथ मिलकर 45 मैचो में 159 विकेट चटकाए है।

    कुलदीप यादव के लिए आईपीएल सीजन बेहद खराब रहा लेकिन इंग्लैंड में उनके आकड़े देखे जाए तो वह पहले अपनी छाप छोड़ चुके है।

    आदिल राशिद (इंग्लैंड)

    इंग्लैंड के स्पिन के बादशाह आदिल रशीद का वनडे मैचो में उदय में योगदान रहा है और 31 वर्षीय अपने पहले विश्व कप उठाने की अपनी टीम की उम्मीदों की कुंजी होंगे।

    राशिद के आकर्षण का एक हिस्सा उनकी बहुमुखी प्रतिभा है, जो उन्हें उनकी विकेट लेने की क्षमता के कारण डेथ ओवर में भी घातक बनाता है।

    राशिद खान (अफगानिस्तान)

    अफगानिस्तान की टीम के रहस्मयी स्पिनर गेंजबाज विश्व में इस समय अपनी स्पिन गेंदबाजी के लिए खेल के छोटे प्रारूपो में प्रसिद्ध है। राशिद खान अपनी स्पिन गेंदबाजी के बलबूत अफगानिस्तान के प्रशंसको की उम्मीद अपने कंधे पर लिए बैठे है और वह गेंद के साथ-साथ कुछ मौको पर बल्लेबाजी से भी हावी होते हुए दिखाई दिए है और ऐसी ही उम्मीद उनका टीम प्रबंधन उनसे इस बड़े मंच पर करता है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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