उत्तर कोरिया में इस सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन हुआ और इसमें प्रतिबंधों के बावजूद सैकड़ों चीनी और अन्य विदेशी कंपनियों के शामिल होने की संभावनाएं हैं। प्योंगयांग स्प्रिंग इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के 22 संस्करण का का उद्धघाटन सोमवार को हुआ जिसकी मेज़बानी शीर्ष आर्थिक अधिकारीयों ने की थी।
उत्तर कोरिया, चीन, रूस, पाकिस्तान, पोलैंड और अन्य देशों व क्षेत्रों से 450 से अधिक कंपनियां इस मेले में उत्पादों का प्रदर्शन करेगी। विश्लेषण के मुताबिक, यह उत्तर कोरिया द्वारा आयोजित सबसे बड़ा व्यापार मेला है। बीते वर्ष 260 कंपनियों ने व्यापार मेले में शिरकत की थी।
विश्लेषण में एनके न्यूज़ ने कहा कि “इस आयोजन में शरीक होने वाली कंपनियों ने कम से कम 216 चीनी कंपनियां है।” एनके न्यूज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर ओलिवर होतम ने कहा कि “हाल ही में हमले उत्तर कोरिया में कारोबार अवसरों को भुनाने में चीनी दिलचस्पी का असं प्रदर्शन देखा है। हालाँकि यह मौजूदा प्रतिबंधित सरकार के साथ आगे बढ़ाना तकनीकी तौर पर मुमकिन नहीं है।”
उत्तर कोरिया ने इस समारोह का उद्धघाटन किया और कहा कि यह यह व्यापार का विस्तार करने का मौका है, आर्थिक सहयोग और विज्ञान व तकनीक का यहां सम्मिलित देशों के साथ आदान-प्रदान किया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक, उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रम पर प्रतिबन्ध थोप रखे हैं इसमें उत्तर कोरिया के साथ व्यापार भी वर्जित है।
कई विदेशी संचालकों ने इससे पूर्व कहा था कि वह सिर्फ प्रतिबंधों के हटने के बाद की तैयारियां कर रहे हैं। केसीएनए के अनुसार मेले में उत्पाद धातु, बिजली, मशीनरी, बिल्डिंग मटेरियल, परिवहन, जन स्वास्थ्य, लाइट उद्योग और भोजन व उपभोक्ता उत्पाद का प्रदर्शन किया गया था।
इस समारोह की तस्वीरें स्टेट मीडिया और अंतर्राष्ट्रीय सहभागियों ने सोशल मीडिया पर साझा की थी जिसमे विक्रेता स्वास्थ्य सप्लीमेंट्स, फ्लैट स्क्रीन टीवी, हैंडबैग, एसी, हीटर, कपड़े, किचन का सामान और उत्तर कोरिया की ब्रांड एसयूवी व अन्य उत्पादो का प्रदर्शन कर रहे थे।
उत्तर कोरिया में ब्रितानी राजदूत कोलिन क्रुक्स ने ट्वीटर पर पोस्ट किया कि “उत्तर कोरिया और आयात से घरेलू उत्पादों की व्यापक भरमार थी। अधिकतर विदेशिन कंपनियां चीन से थी।” प्योंगयांग में रुसी दूतावास ने फेसबुक पर तस्वीरें पोस्ट की जिसमे रुसी राजदूत अलेक्सेंडर मटसेगोरा रुसी फार्मेटिकल्स के बाहर पोज़ दे रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ किम जोंग उन का फरवरी में दूसरा सम्मेलन बगैर किसी समझौते के रद्द हो गया था। वांशिगटन ने कहा कि “किम ने अपने परमाणु कार्यक्रम को त्यागने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी और वह प्रतिबंधों से निजात चाहता था।
इसके बाद उत्तर कोरिया के अपनी झल्लाहट को व्यक्त किया था। वार्ता के ठप पड़ने के साथ तनाव में भारी इजाफा हुआ था। सोमवार को उत्तर कोरिया की सत्ताधारी पार्टी के मुखपत्र ने कहा कि “प्रतिबंधों को आर्थिक स्थिति बिगाड़ने के लिए लागू किया गया है और उन्होंने उत्तर कोरिया के नागरिकों को चेताया कि प्रतिबंधों से निजात मिलेगी इसके आसरे न बैठे रहे।”