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    डोनाल्ड ट्रम्प

    वाशिंगटन, 20 मई (आईएएनएस)| व्हाइट हाउस ने मध्य पूर्व में शांति के अपने प्रस्ताव के पहले भाग का अनावरण कर दिया है जिसे वेस्ट बैंक, गाजा और पूरे क्षेत्र में मुद्रा निवेश करने के लिए आर्थिक कार्यशाला माना जा रहा है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने सीएनएस को यह जानकारी दी।

    व्हाइट हाउस ने रविवार को घोषणा करते हुए कहा कि कार्यशाला मनामा और बहरीन में 25-26 जून को होगी।

    इस प्रयास की अगुआई व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जरेड कुश्नर और व्हाइट हाउस मध्य पूर्व के राजदूत जेसन ग्रीनब्लाट कर रहे हैं, जिन्होंने इस प्रस्ताव को तैयार करने में कई साल लगा दिए हैं।

    कुश्नर ने रविवार को सीएनएस से कहा, “लोग अपने दादाओं के विवादों से अपने बच्चों का भविष्य बरबाद कर रहे हैं। यह एक रोमांचक, वास्तविक, व्यावहारिक मार्ग प्रस्तुत करेगा जो अभी मौजूद नहीं है।”

    वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि इस प्रस्ताव के चार प्रमुख घटक होंगे – बुनियादी ढांचा, उद्योग, लोगों का सशक्तिकरण और उनमें निवेश और क्षेत्र को यथासंभव निवेश योग्य बनाने के लिए शासकीय सुधार।

    वित्त मंत्रियों को उनके औद्योगिक नेताओं के साथ आमंत्रित किया गया है। इसमें विदेश मंत्रियों को आमंत्रित नहीं किया है।

    हालांकि, रविवार दोपहर को फिलिस्तीन प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबिल अबु रुदीनेह ने सीएनएस से बात करते हुए इस योजना को निर्थक बताया था।

    उन्होंने कहा, “बिना राजनीतिक दृष्टि से बनाई गई कोई भी वित्तीय योजना विफल होती है. फिलिस्तीन ऐसे किसी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा जो पूर्वी जेरूसलम को फिलिस्तीन की राजधानी नहीं मानेगा।”

    अबु रुदीनेह ने कहा कि फिलीस्तीन इस कार्यशाला में हिस्सा लेगा या नहीं यह फैसला अब्बास के नेतृत्व में किया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि गाजा में आर्थिक और मानवीय स्थिति को सुधारने के लिए ऐसी ही एक बैठक मार्च 2018 में वॉशिंगटन में हुई थी जिसमें फिलिस्तीन ने शामिल नहीं होने का फैसला किया था।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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