जैसा की पहले से यह तय माना जा रहा था कि मोदी के गुजरात में आते ही कांग्रेस के लिए यहां पर रास्ते मुश्किल हो जाएंगे, हुआ भी ठीक वैसा ही। जिस तरह से मोदी, कांग्रेस के सभी आरोपों और सवालों का जवाब दे रहे है उससे साफ पता लग रहा है कि गुजरात की इस विधानसभा चुनाव युद्ध में वो अपने पुरे अस्त्र शस्त्र लेकर आए है।
मोदी के धुआंधार भाषणों से पहले जो विपक्ष कल तक आग की तरह प्रज्वलित थी, आज ठंडी राख के सामान धरा पर पड़ी हुई नजर आ रही है। गुजरात में आकर मोदी ने पूरा माहौल बीजेपी के पक्ष में बना लिया है। अपने तरकश से मोदी सवालों और आरोपों के ऐसे ऐसे तीर चला रहे है जिसका जवाब समूची कांग्रेस पार्टी देने में असमर्थ नजर आ रही है।
आज सुबह से ही मोदी गुजरात में कांग्रेस के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए है। भगवान चित्रगुप्त तो अपने लोक में इंसानों के कर्मो का हिसाब रखते है लेकिन धरती पर मोदी भी कांग्रेस के कर्मों का हिसाब रखने में पीछे नहीं है। उनके चुनावी भाषणों को सुनकर लगता है कि पिछले कुछ सालों में कांग्रेस द्वारा की गई सारी गलतियों का हिसाब उनके पास ‘कैपिटल लैटर’ में है। वक्त और हालत देखकर वो अपनी बात भी कह देते है और चुनावी चाल भी चल देते है।
राहुल द्वारा लगाए नोटबंदी के आरोपों को उन्होने देशहित से जोड़ते हुए यह कह कर पलटवार किया कि नोटबंदी के कारण पाकिस्तान की हालत खराब ही गयी है। सैनिकों पर कश्मीर में पत्थरबाजी बंद हो गयी है। राहुल का नाम लिए बगैर ही मोदी ने उनपर अचूक निशाना लगाया है। उन्होने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि आखिर क्यों यह लोग किसी आतंकी के रिहाई पर इतना खुश है।
मोदी का इशारा हाफिज की रिहाई पर राहुल की तरफ था। कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़े करते हुए उन्होने कहा कि जब हमारे जवान 70 दिनों तक चीनी सेना से आँख में आँख डाले सीमा पर डटे थे तो आप (राहुल गांधी) किस खुशी में चीनी एम्बेसडर मिल रहे थे। उन्होने कहा कांग्रेस पार्टी ऐसी पार्टी है जो आतंकी के रिहाई पर खुश होती है लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक पर देश के सैनिकों से सबूत मांगती है।