नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)| उच्च रक्तचाप दिल (हाइपरटेंशन) दुनियाभर में लोगों को आम रूप से प्रभावित करने वाला रोग है। आपको बगैर किसी लक्षण के वर्षो से उच्च रक्तचाप हो सकता है। यहां तक कि बगैर लक्षण के आपकी रक्त वाहिकाओं और आपके हृदय को नुकसान पहुंचना जारी रहता है और उसकी पहचान की जा सकती है। इस तरह उच्च रक्तचाप दिल के लिए नुकसानदेह है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हाइपरटेंशन को हाई या बढ़े हुए रक्तचाप के रूप में भी जाना जाता है, जो ऐसी स्थिति होती है जिसमें रक्त वाहिकाओं में लगातार रूप से दबाव बढ़ जाता है। रक्त वाहिकाओं के माध्यम से हृदय से शरीर के सभी अंगों की ओर भेजा जाता है। हृदय जितनी बार धड़कता है, यह रक्त को वाहिकाओं में पंप करता है। रक्तचाप का निर्माण हृदय द्वारा पंप किए जाने पर खून द्वारा वाहिकाओं (धमनियों) की दीवार पर लगाए जाने वाले बल के कारण होता है। दबाव जितना अधिक होगा, हृदय के लिए रक्त को पंप करना उतना ही अधिक कठिन होगा।
दिल्ली के कंसल्टिंग फैमिली फीजिशियन डॉ. राजांशु तिवारी कहते हैं कि अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है, जिनमें दिल के दौरे, आंखों की बीमारियां, गुर्दो के रोग तथा आघात भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हाइपरटेंशन प्राइमरी हो सकता है, जो पर्यावरणीय या जेनेटिक कारणों से होता है या यह सकेंडरी भी हो सकता है, जिसके कई कारण होते हैं, जिनमें गुर्दे, वाहिकाओं तथा एंडोक्राइन से जुड़े कारण शामिल होते हैं।
डॉ. तिवारी के मुताबिक, वयस्कों में प्राइमरी या एसेंशियल हाइपरटेंशन होने की संभावना 90-95 प्रतिशत रहती है और बहुत कम रोगियों को (2-10 प्रतिशत) सेकंडरी हाइपरटेंशन होता है।
उन्होंने कहा कि हर किसी के लिए इसकी जानकारी रखना आवश्यक है और लोगों को इस बारे में अवश्यक बताया जाना चाहिए। हाइपरटेंशन एक जीवन र्पयत रहने वाला रोग होता है। अधिकतम नियंत्रण के लिए जीवन-शैली में लंबे समय तक बदलाव लाने और फार्माकोलॉजिक थेरेपी की जरूरत होती है।
डॉ. तिवारी ने बताया कि यदि हाइपरटेंशन की पहचान समय पर हो जाती है तो दिल के दौरे, दिल की बीमारी, स्ट्रोक व किडनी खराब होने के खतरे को कम किया जा सकता है। सभी वयस्कों को अपने रक्तचाप की जांच करनी चाहिए और अपने रक्तचाप स्तरों की जानकारी रखनी चाहिए। डिजिटल रक्तचाप माप करने वाली मशीनें इसे क्लीनिक के बाहर की परिस्थितियों में जानने में मदद करती हैं। यदि हाइपरटेंशन की पहचान होती है, तो लोगों को किसी प्रशिक्षित पेशेवर से सलाह लेनी चाहिए।