इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले विश्वकप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम सबसे पसंदीदा टीमो में से एक माना जा रहा है। भारतीय टीम के पास वनडे क्रिकेट में एक शानदार टॉप ऑर्डर है जबकि टीम का गेंदबाजी आक्रमण भी घातक है। कई क्रिकेट विशेषतज्ञो का मानना है कि भारतीय टीम की विविधता उन्हे विश्वकप में एक प्रभावशाली टीम बनाएगी। हर टीम भारत के टॉप आर्डर बल्लेबाजो से शानदार रहना चाहेगा, जो कि पिछले चार सालो से शानदार फॉर्म में रहे है।
2015 विश्वकप जो न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुआ था, तब से अबतक भारतीय टीम के पास सबसे अच्छा बल्लेबाजी औसत है। टॉप 3 बल्लेबाजो ने इस समय में 58.8 का औसत दर्ज किया है। यह सभी टीम में सर्वश्रेष्ठ औसत है जबकि मेजबान इंग्लैंड में भारतीय टीम के सामने छोटी नजर आती है और उनके नाम केवल 45.44 का औसत है। इस बड़े मुकाम का बड़ा सबसे बड़ा कारण भारत की तिगड़ी है जिसमे रोहित शर्मा, शिखऱ धवन और विराट कोहली का नाम शामिल है।
हमने पिछले चार साल में विराट कोहली की बल्लेबाजी कौशलता को बड़ी गौर से देखा है औऱ वह बिना किसी बहस के 2015 के बाद से एकदिवसीय प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बने हुए है। इस अवधि में विराट कोहली ने 78.29 की औसत से 4306 रन बनाए है। जिसमें उनके बल्ले से 19 शतक आए है जिसमे उनका स्ट्राइक रेट 98.33 का रहा है।
वही दूसरी ओर, कोहली के पीछे इस अवधि में बनाए गए रनो में रोहित का नाम आता है। 4 बार आईपीएल चैंपियन रहे चुके कप्तान ने 61.12 की औसत और 95.29 की स्ट्राइक रेट के साथ 3790 रन बनाए है। जिसमे उनके बल्ले से 15 शतक निकले है। एक और तथ्य जो रोहित की बल्लेबाजी को और प्रभावशाली बनाता है वह उनके द्वारा लगाए गए छक्के है उन्होने साल 2015 के बाद से सबसे ज्यादा 130 छक्के लगाए है।
रोहित के ओपनिंग साथी ने टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाई है और उन्होने भी 2015 विश्वकप के बाद से टीम के लिए बहुत रन बनाए है। शिखर ने 97.5 की स्ट्राइक रेट और 45.2 के औसत से इस अवधि में 2848 रन बनाए है।
भारत उम्मीद करता है कि आगामी विश्वकप में भी यह तीन टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज अपना यह शानदार फॉर्म बरकरार रखे और टीम को विश्वकप में कब्जा करवाने में कामयाब रहे। विराट और उनकी टीम 22 मई को इंग्लैंड के लिए रवाना होगी जिसके बाद वह विश्वकप अभियान का अपना पहला मैच दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ साउथेम्पट्टन में खेलेंगे।