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    विद्रोहियों के गढ़ में हमला

    सऊदी अरब के सैन्य गठबंधन ने गुरूवार को यमन में हूथी विरोधियों द्वारा नियंत्रित सना राजधानी पर कई हवाई हमले किये थे। सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर ड्रोन से हमले की जिम्मेदारी ईरानी समर्थित हूथी विद्रोहियों ने ली थी। सना हमले में नौ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

    यमन में सऊदी का हमला

    रायटर्स के गवाह ने कहा कि हवाई हमले में घरो को क्षति पंहुची है। हूथियो के मासिराह टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, छह हवाई हमले हुए थे और छह नागरिकों की मौत हो गयी थी व दर्ज़नो जख्मी हुए थे, इसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे।

    सऊदी के अल अरबिया टीवी के बयान के मुताबिक, सुन्नी मुस्लिम गठबंधन ने सैन्य बेस, सुविधाओं और हथियार रखने वाले इलाकों पर हमला कर दिया था। आउटपुट ने अपने लक्ष्यों को पूर्वी यथार्थता के साथ हासिल कर लिया है। उन्होंने नागरिकों से इन हमलो को नजरअंदाज किया था।

    एक निवासी के मुताबिक, यह हमला अधिक जनसँख्या वाले जिले में हुआ था और कहा कि एम्बुलेंस इस क्षेत्र में थी। जहां आग और धुएं के बदलो को देखा जा सकता है। अब्दुलर्रजाक मोहम्मद ने रायटर्स से कहा कि “हमारे करीब हवाई हमला हुआ था, यह हाएल और रकास के बीचो बीच निवासियों के भरे हुए इलाके में हुआ था। वह विस्फोट काफी भारी था इसलिए पत्थर उड़ रहे थे। पहली बार हमारे घर इतना हिला था।”

    यमन में हालात नाजुक

    हूथी विद्रोहियों को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त अब्द रब्बू मंसूर हादी की सरकार ने साल 2014 में सत्ता से हटा दिया था। गठबंधन ने पूर्व में संदिग्ध ड्रोन और मिसाइल स्टोरेज साइट पर निशाना साधा था। गठबंधन ने कहा कि “ईरानी की मदद से सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर हमला एक युद्ध अपराध है।”

    यूएई ने बुधवार को कहा कि “पश्चिमी समर्थित गठबंधन हूथी हमले का सख्ती से प्रतिकार करेगा। सना पर हवाई हमला और होडीदाह बंदरगाह पर संघर्ष की शुरुआत यूएन के संघर्षविराम का उल्लंघन है और यह चार वर्षों के शान्ति प्रयासों को जटिल बना सकता है। इसमें हज़ारो लोगो की मौत हो गयी थी इसमें कई नागरिक थे और इसने देश को भुखमरी की तरफ धकेल दिया था।

    गठबंधन ने साल 2015 में यमन में दखलंदाज़ी की थी। यह सऊदी और ईरान के बीच क्षेत्र में व्यापक प्रॉक्सी वॉर को देखा जा सकता है। हुथी विद्रोहियों ने ईरान के हाथो की काठपुतली होने से इंकार किया है और कहा कि उनका आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ है।

    सभी पक्ष यूएन की दिसंबर में स्वीडन में आयोजित शान्ति वार्ता में संघर्षविराम और बंदरगाहों से सैनिको की वापसी के लिए रज़ामंद हो गए थे। यह संधि चार सालो के संघर्ष में काफी राहत प्रदान करने वाला था। बीते शनिवार हूथी विद्रोहियों ने तीन बंदरगाहों से सैनिको की वापसी का ऐलान किया था।

    सऊदी अरब और यूएई ने हूथी समूह पर ईरानी हथियारों की तस्करी करने का आरोप लगाया है, इसमें सऊदी शहरो पर दागी गयी मिसाइल भी शामिल है। हालाँकि हूथी और तेहरान ने इन आरोपों को खारिज किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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