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    अलवर, 16 मई (आईएएनएस)| राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को ऐलान किया कि राजस्थान में स्थित अलवर जिले को दो पुलिस क्षेत्रों में विभाजित कर दिया जाएगा। यहां अपराध की बढ़ती हुई दर के मद्देनजर ऐसा किया जाएगा।

    जिले को ‘थोड़ा नाजुक’ बताते हुए गहलोत ने कहा कि अलवर को दो पुलिस क्षेत्रों में बांटने के बाद दोनों अंचलों के लिए एक-एक पुलिस अधीक्षक नियुक्त किए जाएंगे।

    गहलोत, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अलवर के थानागाजी में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता से मिलने पहुंचे थे

    अशोक गहलोत नें इस घटना पर कहा, “एक ऐसी घटना हुई जो बहुत ही शर्मनाक घटना है सब निंदा करते हैं और अनफॉर्चूनेटली तथ्य गलत बोलना प्राइम मिनिस्टर को शोभा नहीं देता। जैसे ही 2 तारीख को रिकॉर्ड आया मालूम पड़ा की घटना 30 तारीख को एसपी को जाकर मिले वहां के लोकल एमएलए मिस्टर मीणा और परिवार वाले उसी वक्त उन्होंने आदेश दे दिया FIR लॉज करने की, थानेदार मौजूद नहीं था तो 2 तारीख को एफआईआर लॉज हो गई फिर कार्रवाई शुरू हो गई, उनको हॉस्पिटल ले गए और वो कहते हैं कि सरकार ने चुनाव की पोलिंग के कारण दबाए रखा, यह तो रिकॉर्ड की बात है जो बता रहा हूं मैं आपको चुनाव 6 तारीख को था, 2 तारीख को तमाम कार्रवाई शुरू हो गई है सबके सामने ओपन है वह तो पूरा गांव जानता है, जिला जानता है फिर भी प्रधानमंत्री जी जिस प्रकार की कैंपेन कर रहे हैं देश में शेड्यूल कास्ट के लोगों को, दलितों को भड़काने के लिए जहाँ जहां चुनाव चल रहे हैं वहां की राजनीति करने के लिए, लास्ट फेज चल रहा है 6th फेज खत्म हो गया तो यह चाहते थे कि 6th और 7th फेज में कैसे फायदा उठाएं तो क्या फायदा उठाने के लिए ऐसी शर्मनाक घटनाएं उसका उपयोग करना उचित है क्या?”

    गहलोत ने आगे कहा, “यह मैं पूछना चाहता हूं मोदी जी से क्या उचित है क्या? इतनी शर्मनाक घटना हुई है उसको आप राजनीतिक रंग देकर के उसके ऊपर आप राजनीति करो चुनाव की, चुनाव जीतने की यह मैं समझता हूं किसी भी रूप में उचित नहीं कहा जा सकता, यह मेरा मानना है। और हमने जो कदम उठाए हैं देश के अंदर कहीं भी ऐसे कदम नहीं उठाए गए होंगे, वह छोड़िए हमने एक थानेदार को सस्पेंड कर दिया, बाकि को लाइन हाजिर कर दिया, एसपी को हटा दिया उसके अलावा हमने फॉर फ्यूचर राजस्थान के अंदर जो एससी एसटी के लिए अलग से डिप्टी रेंज का अफसर होता है जो पूरे केस को देखता है और वह उसकी चेकिंग करता है पूरी उसी रूप में हमने तय कर दिया है नई पोस्ट क्रिएट कर रहे हैं हम लोग सब जिलों के अंदर एक-एक, महिलाओं के ऊपर जो अत्याचार होते हैं उनके लिए अलग से हमने पोस्ट क्रिएट कि है सीओ लेवल की उनकी देखरेख में आगे कार्रवाई होगी कोई घटना होगी तो नम्बर एक, नंबर दो हमने यह किया है कि फ़ास्ट ट्रैक में केस कैसे जाए एक पुलिस ऑफिसर पूरी ट्रैकिंग करेगा वह हमने कर दिया है, नंबर 3 कोई थाने के अंदर यह ऐसा डिसीजन है जो कहीं नहीं हुआ आज तक, थाने में हमेशा FIR लॉज होती है जहां नहीं होती है तो शिकायत चलती रहती है हमने तय कर लिया है अगर थाने में नहीं होगी एसपी के ऑफिस में FIR लॉज करनी पड़ेगी और क्यों नहीं किया थानेदार ने उस पर कार्रवाई होगी ऐसे कड़े कदम उठाए हैं।

    उन्होनें आगे कहा, “हम लोगों ने उनको प्रधानमंत्री मोदी जी और बीजेपी नेताओं को एप्रिशिएट करना चाहिए था कि राजस्थान ने उदाहरण पेश किया है और उनको कहना चाहिए था अपने बीजेपी राज्यों को कि वह भी राजस्थान को फॉलो करें, उसके बजाय हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी जिस प्रकार से भाषा काम में ले रहे हैं मैं समझता हूं उचित नहीं कहा जा सकता।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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