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    उत्तर कोरिया में खाद्य सामग्री की भारी कमी

    उत्तर कोरिया अत्यधिक सूखे और खाद्य सामग्री की कमी की मार झेल रह है और साल 1982 से देश में सालाना बारिश का स्तर न्यूनतम को छू गया है। देश में साल के पहले पांच महीनो में बारिश का रिकॉर्ड 54.4 मिलीमीटर रिकॉर्ड किया गया है। कोरिया की सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह साल 1982 के बाद सबसे न्यूनतर स्तर पर है जब उत्तर कोरिया में इतनी ही समयवधि में औसत 51.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी।

    बारिश का आकाल

    बारिश का स्तर उत्तरी भाग में काम रिकॉर्ड किया गया है जबकि देश के दक्षिण भागो में बारिश की एक बूँद तक नहीं गिरी है। इसमें प्योंगयेंग सिटी, नामपो सिटी , नार्थ ह्वांगहाए प्रान्त और गैंगवान प्रान्त शामिल है। ऐसे हालातो में जमीं में जलस्तर काफी नीचे चला जाता है।

    इसके परिणाम मे कृषि क्षेत्र जल के संरक्षण के प्रयासों में वृद्धि कर करना शुरू कर देता है ताकि कृषि कार्य को क्षति से बचाया का सके और यही अभी बिना बारिश वाले इलाकों में हो रहा है। इस माह की शुरुआत में विश्व खाद्य कार्यक्रम की जारी रिपोर्ट के मुताबिक बीते 10 वर्षों में यह फसल पर सबसे बुरा प्रहार है और इसका कारण बाढ़, गर्म हवाएं और सूखा है।

    भोज्य पदार्थो की भारी कमी

    मानवीय संघठन के मुताबिक, विविध आहार की कमी पर उन्होंने चिंताजनक प्रतिक्रिया दी है क्योंकि यह अच्छे पोषण के लिए अहम है। यह हालात गर्भवती महिलाओं, बच्चों बच्चों और दूध पिलाने वाली औरतो के लिए बेहद बिगड़ते जा रहे हैं,  जो अधिकतर कुपोषण से जूझ रहे हैं।

    दक्षिण कोरिया की यूनिफिकेशन मंत्रालय ने बुधवार को दावा क़िया कि उत्तर कोरिया के बाज़ारो में चावल की कीमतों में कमी आ रही है। मंत्रालय ने यह मूल्याङ्कन इस माह में विश्व खाद्य कार्यक्रम और खाद्य एवं कृषि संघठन के साथ मिलकर किया था।

    मंत्रालय ने कहा कि “इस पर हमारी स्थिति अपरिवर्तनीय रहेगी क्योंकि हमवतन और मानवीय लिहाज से खाद्य सामग्री मुहैया करना जरुरी है।” हालातो को खराब होने से रोकने के लिए दक्षिण कोरिया पियोंगयांग में खाद्य सामग्री भेजने की योजना बना रहा है जिसमे चावल भी शामिल होगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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