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    पीएफ ब्याज कटौती

    श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018 में ईपीएफओ भविष्य निधि जमाराशियों के ब्याज दर में कटौती कर सकती है। आप को बता दें कि साल 2016-17 में ईपीएफओ ने अपने 4.5 करोड़ सदस्यों को 8.65 फीसदी के हिसाब ब्याज दिया था।

    इसलिए हो सकती है पीएफ ब्याज में कटौती

    श्रम मंत्रालय के इस अधिकारी ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से पीएफ ब्याज दर में कटौती की संभावना इसलिए बन रही है क्योंकि वह विनिमय ब्यापार निधि (ईटीएफ) निवेश तथा बॉन्ड्स पर निम्न आय को सीधे अंशधारकों के खाते में जमा करने जा रही है।

    हांलाकि इस अधिकारी का कहना है कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए ईपीएफओ अभी आय की गणना कर रहा है, इसी आधार पर वित्तीय वर्ष 2018 में ईपीएफओ अपने अंशधारकों के खातों में जमा राशि पर ब्याज निर्धारित करेगा। गौरतलब है कि ईपीएफओ ने गुरूवार से पहले ही ईपीएफओ ने मूल्यांकन और इक्विटी निवेश के लेखांकन के लिए अकाउंटिंग पॉलिसी को मंजूरी दी।

    कैश और ईटीएफ

    इसी पॉलिसी के जरिए ईपीएफओ ने वित्तीय वर्ष 2018 के अंत तक अंशधारकों के पीएफ अकाउंट में नकद के स्थान पर ईटीएफ हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। इस प्रकार अब प्रत्येक पीएफ अकाउंट होल्डर अपने खाते में जमा धनराशि को कैश और ईटीएफ यूनिट के रूप में देख सकेंगे।

    ईटीएफ पर लाभांश

    ईटीएफ पर मिले लाभांश को सब्सक्राइबर के खाते में जमा किया जाएगा। ग्राहकों के पास अपने खातों से एडवांस लेते समय ईटीएफ यूनिटों को खत्म करने या कैश निकालने का विकल्प होगा। वित्त मंत्रालय ईपीएफ दर को छोटी बचत योजनाओं जैसे पीएफ की तरह करने के लिए श्रम मंत्रालय पर दबाव बना रहा है।

    उम्मीद जताई जा रही है कि ईपीएफओ साल के अंत तक ईटीएफ में 45,000 करोड़ रुपए तक निवेश कर सकता है। साल 2015-16 में पीएफ ब्याज दर 8.8 फीसदी थी जबकि पिछले साल दिसंबर में ईपीएफओ के ट्रस्टियों ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए यह दर 8.65 फीसदी निर्धारित की थी।