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    सेबी व्हाट्सप्प लीक

    हाल ही में करीबन 24 कंपनियों की कमाई से जुड़ी जानकारी व्हाट्सप्प और अन्य सोशल मीडिया वेबसाइट पर लीक हो गयी थी। इसके बाद सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( दिल्ली ) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ( मुंबई ) से इस बारे में जांच करने को कहा था। आज दोनों स्टॉक एक्सचेंज ने सभी 24 कंपनियों से इस मामले में जानकारी मांगी है।

    आपको बता दें कि कुछ दिनों में ही ये कंपनियां अपनी कमाई से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने वाली थी। ऐसे में ये जानकारी लीक होने पर सेबी ने इसकी जांच करने को कहा है और यह पता लगाने को कहा है कि ऐसा होना अवैध हा या नहीं।

    सेबी ने स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जांच करने को कहा है। स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, “स्टॉक एक्सचेंज ने पाया है कि लीक हुई जानकारी में कुछ गलती थी। इसके लिए सेबी ने इसके बारे में पुष्टि के लिए कंपनियों को कहा है। हम इन कंपनियों ने पिछले 12 महीनों के आंकड़ों की तहकीकात कर रहे हैं।”

    एक अन्य अधिकारी ने बताया, “सेबी ने इन कंपनियों की जांच करने के अलावा स्टॉक एक्सचेंज को यह पता लगाने को भी कहा है कि कहीं व्हाट्सप्प और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म को कंपनियों की निजी जानकारी लीक करने के लिए इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा है?”

    क्या है पूरा मामला?

    17 नवम्बर को ‘रिउटेर्स’ ने पाया कि करीबन 12 कंपनियों की दूसरी तिमाही की कमाई के आंकड़े व्हाट्सप्प के कुछ निजी समूहों में शेयर किये जा रहे थे। इनमे से आदि कंपनियां निफ्टी-50 के अंतर्गत आती हैं।

    इसके तुरंत बाद सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने इस मामले में जांच करने को कहा। दरअसल कंपनियों की कमाई से जुड़ी कोई भी जानकारी सबसे पहले स्टॉक एक्सचेंज को बतायी जाती है। ऐसे में सेबी को लगता है कि इस लीक के पीछे स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े कुछ सदस्य हो सकते हैं। इस तरह जानकारी लीक होना सेबी के नियमों का उल्लंघन करना है।

    स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने बताया, “स्टॉक एक्सचेंज और सेबी इस मामले में जांच कर रही हैं कि जानकारी कैसे लीक हुई है? यदि कोई भीतर का सदस्य भी इसमें शामिल है, तो उसको पकड़ना काफी मुश्किल होगा।”

    एक अन्य अधिकारी ने कहा, “इन लीक हुई जानकारी के मद्देनजर यह सवाल जरूर है कि क्या कंपनियों की इन जानकारियों को ‘सार्वजनिक’ कहना सही होगा? यदि हाँ, तो इससे जुड़े कारोबारियों को स्टॉक एक्सचेंज का भीतरी सदस्य नहीं कहा जा सकता है।”

    उन्होंने आगे कहा, “इस मामले में यह जांच करना भी जरूर है कि जिस ग्रुप में यह लीक हुई है, वह कितना सार्वजनिक है? उदाहरण के तौर पर कोई भी व्हाट्सप्प ग्रुप फेसबुक और लिंकडीन के मुकाबले कम सार्वजनिक होता है। ऐसे में यह ग्रुप ‘भीतरी सदस्यों’ का भी हो सकता है। जो भी हो, यह पता लगाना जरूरी है कि जानकारी लीक कैसे हुई है।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।