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    भारत ने 19 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा

    भारत के विभागों ने मंगलवार को 19 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर दिया है। वे अट्टारी-वाघा सीमा से अपने घर वापस लौट गए हैं। इन पाकिस्तानी नागरिकों पर जासूसी से देश में गैरकानूनी तरीके से रहने के भी आरोप लगे थे। कैद की सज़ा मुकम्मल किये विकास अहमद ने बताया कि “मुझे साल 2009 में बगैर वीजा के भारत ने पकड़ा गया था। मैं भारत मे 4 वर्षों तक बगैर वीजा के रहा और मुझे इसके लिए 10 वर्षों के कारावास की सज़ा हुई थी।”

    भारत से कैदियों की रिहाई

    उन्होंने कहा कि “मैं भारत मे वापस आना पसंद करूंगा लेकिन इस वक्त कानूनी कार्रवाई के साथ लौटूंगा। अब तारो के नीचे से नही आया जाएगा। मैं दोबारा वीजा के साथ भारत आऊंगा।”

    भारत की जेल से 13 महीनों के बाद रिहा हुए मछुवारे मुस्तफा ने कहा कि “मैं भारत और पाकिस्तान दोनो सरकारों से दूसरे राष्ट्रों के कैदियों को जेलों से रिहा करने की दरख्वास्त करना चाहूंगा।”

    हालिया समय मे दोनो पक्षों ने एक-दूसरे के देशों के कैदियों को रिहा करने की पहल की है। 30 अप्रैल को पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर से 60 भारतीयों को रिहा किया था, जिसमे 55 मछुवारे थे।

    पाकिस्तान द्वारा रिहा किये गए अधिकतर कैदियों ने अदालत के दंड से अधिक जेल की सज़ा काटी थी। भारत ने 9 अप्रैल को पाकिस्तान को एक मौखिक नोट दिया था जिसमे सज़ा पूरी कर चुके भारतीय कैदियों की तत्काल रिहाई और देश प्रत्यावर्तन का आयोजन करने के लिए कहा था।

    पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान सम्बन्ध में तनावग्रस्त माहौल बना हुआ है। दोनों ही देश शान्ति के लिए सभी प्रभावी कदम उठाने की कोशिश में जुटे हैं। पाकिस्तान ने भी भारत के 360 कैदियों को सिलसिलेवार तरीके से रिहा किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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