मुंबई, 14 मई (आईएएनएस)| मुंबई की रहने वाली 23 साल की कैप्टन आरोही पंडित लाइट स्पोटर्स एयरक्राफ्ट (एलएसए) में अकेली अन्ध महासागार (अटलांटिक महासागर) को पार करने वाली दुनिया की पहली महिला बन गई हैं।
आरोही की इस उपलब्धि से उनका परिवार, दोस्त और ऐविएशन सर्किल के लोग खुश हैं।
उन्होंने यह मुकाम सोमवार-मंगलवर को हासिल किया। वह 3000 किलोमीटर की दूरी तय कर अपने छोटे से एयरक्राफ्ट के साथ कनाडा के इकालुइट हवाईअड्डे पर उतरीं। इस दौरान वह ग्रीनलैंड और आइसलैंड में भी रुकी थीं।
इस सफर को प्रायोजित करने वाली संस्था सोशल एसेस के मुखिया लियन डीसूजा ने कहा, “यह उनकी एक साल से पहले शुरू की वैश्विक जहीज योजना का हिस्सा है, जो उन्होंने अपनी दोस्त केथर मिसक्वेटा के साथ 30 जुलाई को लांच की थी। वह 30 जुलाई 2019 को भारत लौटेंगी।”
लिन ने आईएएनएस से कहा, “इस दौरान वह एलएसए में ग्रीनलैंड को पार कर एक और विश्व रिकार्ड अपने नाम कर ले गई हैं। साथ ही जब तक वह भारत लौटेंगी तब वह कई अन्य रिकार्ड भी अपने नाम कर लेंगी।”
एलएसए लाइसेंस धारक आरोही और उनकी दोस्त कैथर ने छोटे से जहीज ‘माही’ में भारत से उड़ान भरी थी। माही एक छोटा से सिंगल इंजन साइनस 912 जहाज है जो 400 किलोग्राम से थोड़ा ज्यादा है।
आरोही और कैथर ने पंजाब, राजस्थान, गुजरात के ऊपर से उड़ान भरी और पाकिस्तान पहुंचीं, जहां उन्होंने अपना जहाज उतारा। इसी के साथ वह 1947 के बाद पड़ोसी मुल्क में एलएसए जहाज लैंड कराने वाली पहली नागरिक बनीं। इसके बाद वह ईरान, तुर्की, सर्बिया, स्लोवेनिया, जर्मनी, फ्रांस और ग्रेट ब्रिटेन पहुंचीं।
कनाडा हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद आरोही ने तिरंगा झंडा फहराया, जो कनाडा में भारत के राजदूत विकास स्वरूप ने उन्हें सौंपा।
मुंबई में आरोही के इतिहास लिखने का इंतजार कर रहे लोगों से कहा, “मैं बेहद सम्मानित और खुश महसूस कर रही हूं कि मैं अपने देश के लिए ऐसा कर पाई और ऐसा कर पाने वाली पहली महिला बनी। अटलांटिक महासागर के ऊपर से जाना बेहद शानदार अनुभव रहा। वहां सिर्फ मैं, छोटा सा प्लेन और नीला आसमान था और नीचे नीला समंदर।”
इसके लिए आरोही ने सात महीने ग्रीनलैंड, सर्बिया, इटली में अभ्यास किया था।
कनाडा से आरोही रूस जाएंगी और भारत लौटते समय तक कई नए रिकार्ड बनाएंगी और तोड़ेंगी।