वेनेजुएला के जनरल ने मुल्क की सेना को राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के खिलाफ खड़े होने का आग्रह किया है। वेनेजुएला की आर्थिक स्थिति बेहद बुरे दौर से गुजर रही है और वह सेना के समर्थन से सत्ता पर बरक़रार है। एयरफोर्स जनरल रामोन रांगेल ने कहा कि “वेनेजुएला की सरकार को क्यूबा में कम्युनिस्ट तानाशाही नियंत्रण कर रही है।”
मादुरो का विरोध करे सेना
उन्होंने कहा कि “हमें इस डर के मायाजाल से बाहर निकलने के लिए मार्ग ढूंढना होगा, सड़कों पर उतरना होगा, प्रदर्शन करना होगा और इस राजनीतिक प्रणाली में परिवर्तन के लिए सैन्य एकजुटता जरुरी है। रांगेल ने एक सूट पहना हुआ था और उनके हाथ में संविधान की एक प्रति थी।” उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो पोस्ट करके कहा कि “यह विरोध का वक्त है।”
इस वर्ष कई आला अधिकारीयों ने मादुरो की मुखालिफत की थी। मादुरो का विरोध करने के बाद अधिकारीयों ने देश छोड़ दिया था हालाँकि सेना का शीर्ष नेतृत्व अभी भी मादुरो का समर्थन कर रहा हैं।
वायुसेना के कमांडर पेड्रो जुलियस ने रविवार को ट्विटर पर रांगेल की एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमे तस्वीर पर वेनेजुएला की जनता के प्रति गद्दार और क्रांति प्रिंट किया गया था। रांगेल एक सक्रीय सैन्य अफसर है जो बीते माह कोलंबिया भाग गए थे।
विपक्ष का समर्थन
वेनेजुएला में अमेरिका के विपक्ष के राजदूत ने कहा कि “मौजूदा वक्त में सड़कों पर प्रदर्शनकारियों का हुजूम तख्तापलट की साजिश नहीं बल्कि लोकतंत्र को बहाल करने की कोशिश है।” अन्य अधिकारीयों की तरह रांगेल ने जुआन गाइडो का समर्थन नहीं किया है।
विपक्ष के नेता जुआन गाइडो ने जनवरी में खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था और आरोप लगाया कि मादुरो का साल 2018 में दोबारा चुनाव धोखादड़ी थी। अमेरिका सहित 50 पश्चिमी देशों ने जुआन गाइडो का समर्थन किया था।
जुआन गाइडो और एक सैनिको की टुकड़ी ने 30 अप्रैल को सेना से मादुरो को परास्त करने के लिए विरोधी खेमे में शामिल होने का आग्रह किया था लेकिन सेना ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई और विद्रोह का अंत हो गया था। सरकार ने इस समारोह को तख्तापलट की कोशिश करार दिया था। वेनेजुएला अत्यधिक महंगाई की मार झेल रहा है। बीते तीन सालो में 35 लाख लोगो ने पलायन किया है।