नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)| चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन स्थानों पर प्रचार करने का फैसला करते हैं, उसके बारे में पीएमओ ऑफिस के साथ सूचनाओं को साझा करने को लेकर नीति आयोग में मॉडल कोड के उल्लंघन का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों के जवाब देते हुए उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने कहा कि अक्टूबर 2014 में एक स्थायी आदेश जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री को छूट दी गई है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को छूट दी गई थी ताकि आधिकारिक और चुनावी अभियान को संयुक्त किया जा सके, तो इस संबंध में यदि किसी आधिकारिक यात्रा के बारे में कोई सूचना दी जाती है तो यह कोई उल्लंघन नहीं है। यह एक स्थायी आदेश के जैसे था न कि एक बार दिया गया कोई निर्देश।”
सक्सेना ने यह भी कहा कि अन्य मंत्री आधिकारिक यात्रा को चुनावी यात्रा से नहीं जोड़ सकते हैं।
अधिकारियों ने कहा है कि नीति आयोग ने पीएमओ के साथ कोई भी राजनीतिक डेटा नहीं बल्कि जिला-स्तरीय सूचनाएं साझा की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जहां चुनावी सभाएं करनी थीं, उनके बारे में जानकारी जुटाने के चलते कांग्रेस ने प्रधानमंत्री कार्यालय के कथित दुरुपयोग के खिलाफ चुनाव आयोग का रुख किया है।
कांग्रेस का आरोप है कि पीएमओ, नीति आयोग का दुरुपयोग कर रहे हैं। पीएमओ की ओर से नीति आयोग को जिला प्रशासन को खत लिखकर उस जगह के बारे में पूरा विवरण मांगने को कहा जा रहा है।
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए सक्सेना ने कहा कि शिकायत दर्ज कराने पर एक रिपोर्ट की मांग की गई है कि वाणिज्य मंत्रालय आवास के एक अधिकारी द्वारा कथित रूप से सूचनाएं मांगी गई थी जिनका उपयोग भाजपा के घोषणापत्र के लिए किया जाना था।
उन्होंने कहा कि इस बात को पैनल के ध्यान में लाया गया था कि किसी खास उद्देश्य के लिए कुछ जानकारी देने के चलते अधिकारियों को ईमेल भेजा गया था। इसकी एक रिपोर्ट मंगाई गई है और हम मंत्रालय से रिपोर्ट के आने का इंतजार कर रहे हैं।