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    वियतनाम में वेंकैया नायडू

    भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि “भारत से जयपुर फुट महान वैज्ञानिक नवीनीकरण में से एक है। जिसने समस्त विश्व में कई जिंदगियों को परिवर्तित किया है।” वैकैया नायडू इस वक्त हनोई की चार दिवसीय यात्रा पर है। उन्होंने यह भाषण भारतीय दूतावास में आयोजित जयपुर फुट आर्टिफीसियल लिंब फिटमेंट कैंप के उद्घाटन समारोह में दिया था।

    इस शिविर का आयोजन इंडिया फॉर ह्यूमैनिटी पहल के तहत हुआ था ताकि महात्मा गाँधी की 150 वीं जयंती का उत्सव मना सके। नायडू ने बयान में कहा कि “यह एक पहल है जो शारीरिक रूप से अक्षम लोगो को आज़ादी, आवाजाही, गौरव का भाव और जिंदगी जीने की भावना प्रदान करती है।”

    उन्होंने कहा कि “भारत सरकार और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति की साझेदारी प्रेम और सुविधा की है। यह संस्था विश्व की सबसे बड़ी बिना फायदे के कृत्रिम अंग बनाने वाली है। जयपुर फुट अन्य कृत्रिम पैरो के मुकाबले काफी हल्का है और इसने हज़ारो की जिंदगियों को बदला है। साथ ही गौरव के साथ जीवन जीने और समुदाय के महत्वपूर्ण सदस्य बनने में मदद की है।”

    उपराष्ट्रपति ने कहा कि “यह करुणा की साझेदारी है। यह हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्तियों में से एक महात्मा गाँधी की जिंदगी के सम्मान की साझेदारी है। आगामी वर्षों में दोनों देशों द्वारा कई पहल किये जाने की प्रतिक्रिया जाहिर की है।” दिन की शुरुआत में नायडू ने भारतीय दूतावास के परिसर में स्थापित महात्मा गाँधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। साथ ही उन्होंने वियतनाम के क्रांतिकारी नेता हो ची  मिन्ह को भी श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

    शुक्रवार को राष्ट्रपति और वियतनाम के समकक्षी और अन्य नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि देश दक्षिणी चीनी सागर के मामले पर सभी मुल्क समझौते पर पंहुचेंगे। संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में नायडू ने कहा कि “भारत और वियतनाम एक मुक्त, पारदर्शी, समावेशी और अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

    दोनों देशों के मध्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग में इजाफा हुआ है और सुरक्षा और रक्षा सम्बन्धो में विस्तार हुआ है। दोनों पक्षों ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में शान्ति का प्रसार, सुरक्षा और समृद्धता की एकसमान इच्छाओं को साझा किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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