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    मोहम्मद कैफ

    इंग्लैंड और भारत के बीच नेटवेस्ट त्रिकोणीय श्रृंखला 2002 का फाइनल प्रत्येक भारतीय प्रशंसक के लिए एक अविस्मरणीय क्षण है जिसने टेलीविजन पर उस मैच को देखा। इस मैच को भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप के युवा तुर्कों से एक उत्साही बल्लेबाजी प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है क्योंकि उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और अन्य को बोर्ड में लगभग 100 रन के करीब खो दिया जबकि वह एक मजबूत लक्ष्य का पीछा कर रहे थे।

    उस मैच में इंग्लैंड की टीम ने 325 रन बनाए थे जिसमें कप्तान नासिर हुसैन और मार्कस माक्र्स ट्रेस्कोथिक ने शतक लगाया था। यह फाइनल मैच में भारत के लिए एक बहुत बड़ा स्कोर था। लेकिन उस समय के भारत के दो युवा बल्लेबाज युवराज सिहं और मोहम्मद कैफ ने हार ना मारने की कसम खा रखी थी और मेन इन ब्लू के खिलाड़ियो ने इंग्लैंड में अपनी शानदार बल्लेबाजी से सबका मन जीत लिया था।

    भारतीय टीम के लिए उस मैच के हीरो मोहम्मद कैफ हाल ही में ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस में दिखाई दिए और उन्होने वहां से मैदान पर अपने समय को याद किया। कैफ ने शो पर कहा, “यह मेरे लिए एक अवसर था कि मैं अपने बचपन से किए गए सभी परिश्रम को साबित करू और यह कुछ ऐसा था जिसे मैं करने नहीं देना चाहता था। और मुझे याद है कि जब सचिन (तेंदुलकर) आउट होने के बाद बाहर जा रहे थे और जैसे ही मैं लॉर्ड्स के मैदान में प्रवेश कर रहा था, यह एक आम धारणा थी कि जब सचिन बाहर निकलते हैं, तो भारत मैच हार जाता था।”

    उस मैच में 14 ओवरो में 106 रन के साथ भारत के पास एक अच्छी शुरुआत थी लेकिन टीम उसके बाद 146 रन तक पांच विकेट गंवा बैठी थी और इसमे सचिन तेंदुलकर का विकेट भी शामिल था, जिसके बाद इंग्लैंड की टीम मैच में संपूर्ण तरीके से नियंत्रण के साथ थी। उसके बाद कैफ और युवराज (69) ने साथ मिलकर पांचवे विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी की थी। कैफ ने इस मैच में नाबाद 87 रन बनाए थे और टीम के मैच जितवाया था और उन्हें मैन ऑफ द मैच से भी नवाजा गया था, जिसके बाद टीम ने ट्रॉफी पर प्रतिष्ठित ट्रॉफी पर कब्जा किया था।

    उन्होंने आगे बताया कि सचिन के आउट होने के बाद उनके माता-पिता फिल्म देखने के लिए चले गए थे और उनके बेटे की शानदार बल्लेबाजी को उन्होने नही देखा। कैफ याद करते हैं, “वास्तव में, सचिन के आउट होने के बाद मेरे माता-पिता एक फिल्म के लिए गए थे, वे मेरे घर के पास एक थिएटर में शाहरुख की देवदास के लिए गए थे और उन्होने अपने बेटे को खेलते नहीं देखा। जब हमने मैच जीता, तो पूरी कॉलोनी मेरे घर आई, दरवाजे को बंद देखा। उन्हें लगा कि कैफ ने उन्हें मैच जिताने के बाद परिवार ने खुद ऐसा किया है।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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