भोपाल, 10 मई (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने बगैर नाम लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर शुक्रवार को यहां जोरदार हमला किया और कहा कि पाकिस्तान की कोई औकात नहीं है, मगर चुनाव में लाभ पाने के लिए देश में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए पाकिस्तान का उपयोग किया जा रहा है, जबकि चीन का नाम तक लेने से डरते हैं।
सिन्हा ने यहां सेंट्रल प्रेस क्लब के ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस चुनाव में पाकिस्तान को मुद्दा बनाया जा रहा है, जबकि पाकिस्तान की भारत के सामने कोई औकात ही नहीं है। पाकिस्तान से तुलना किए जाने पर मैं एक भारतीय होने के नाते अपने को बहुत छोटा महसूस करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान का भारत के सामने किसी भी क्षेत्र में कोई मुकाबला नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए पाकिस्तान का उपयोग किया जा रहा है। वहीं चीन से डरते हैं। डोकलाम में चीन ने वह सब कुछ किया, जिसे रोकने की बात हम कहते थे। चीन की सेना ने वहां स्थाई संरचनाएं बनाई हैं। उसमें उनकी फौज रहती है, मगर यह कहने की हम में हिम्मत नहीं है।”
एक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए सिन्हा ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन ने एक बार मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने से रोका था, तब भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी हुआ था। उसमें चीन का जिक्र तक नहीं था। हम इतना डर हुए थे चीन से कि उसका नाम तक नहीं लिया।”
भोपाल लोकसभा चुनाव को लेकर सिन्हा ने कहा, “यह देश का अहम चुनाव है। इस पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है। देश की दिशा भोपाल के चुनाव के नतीजों से तय होगी। किसी उम्मीदवार का नाम नहीं लूंगा, मगर इस चुनाव का इस्तेमाल भाजपा और खासकर देश के प्रधानमंत्री द्वारा समाज को सम्प्रदाय, धर्म के आधार पर बांटने के लिए किया जा रहा है। उसमें भोपाल की भाजपा की उम्मीदवार एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।”
चुनाव के नतीजों को लेकर सिन्हा ने दावा किया, “देश की जनता ऐसी गलती नहीं करेगी कि यह सरकार दोबारा आए। इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि यह सरकार जा रही है 23 मई को।”
सिन्हा ने केंद्र सरकार के आर्थिक प्रगति के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा, “आर्थिक आंकड़ों को अगर तोड़-मरोड़कर पेश किया जाए और चार प्रतिशत को आठ प्रतिशत दिखाया जाए तो देश की अर्थव्यवस्था का बहुत तेजी से विकास होता दिखता है। वास्तव में अर्थव्यवस्था का विकास नहीं हो रहा, आंकड़ों का विकास हो रहा है। यह मोदी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जो आर्थिक आंकड़ों से खिलवाड़ कर रही है। यह बहुत घातक है देश की प्रतिष्ठा के लिए।”