राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नें आज अलवर सामूहिक दुष्कर्म मामले पर मीडिया से बातचीत की और इस मामले में हो रही कार्यवाई के बारे में बताया।
अशोक गहलोत ने इस बारे में कहा, “अलवर घटनाक्रम बड़ा गंभीर केस है। दुर्भाग्य से ऐसी घटनाएं राजस्थान में लंबे अरसे से चली आ रही है कभी बीकानेर, कभी सीकर कभी अलवर दुर्भाग्य से महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी है और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हैं। अभी मैंने तय किया है की एक केस ऑफीसर स्कीम होती है जिसके अंतर्गत पूरी तरह मॉनिटरिंग प्रॉसीक्यूशन की पुलिस की देखरेख में होती है उसके अंतर्गत हम लोग इस केस को ट्रांसफर करेंगे केस ऑफिसर स्कीम उसके अंतर्गत इसकी पूरी तरह से जांच होगी और कोई बख्शा नहीं जाएगा, जिन्होंने अपराध किया है उनको मॉनिटरिंग के आधार पर सजा दिलाई जाएगी।”
अशोक गहलोत ने आगे कहा, “नंबर दो मैंने अभी ऑफिसर के साथ मीटिंग की है, तय किया है इन फ्यूचर राजस्थान भर के अंदर जैसे एससी एसटी के लिए नोडल ऑफिस होता है एक सीईओ लेवल पर जिसका काम है एससीएसटी पर अत्याचार के केस को नोडल ऑफिसर जो सीईओ है उसकी देखरेख में पूरी मॉनिटरिंग होती है उसी रूप में मैंने तय किया है कि एक बड़ा सीईओ लेवल का ऑफिसर जो महिलाओं पर अत्याचार होते हैं उसकी मॉनिटरिंग करेगा, सिर्फ और सिर्फ महिलाओं पर अत्याचार उसमें किडनैपिंग भी आती है, रेप केस भी आते हैं, गैंगरेप भी आते हैं, सभी आएंगे सीईओ लेवल का ऑफिसर उसकी मॉनिटरिंग करेगा इन फ्यूचर पूरे राजस्थान में हर जिले के अंदर नई पोस्ट क्रिएट किए जाएगी पूरी मॉनिटरिंग होगी इस प्रकार से हमने निर्णय किया है अभी। और यह जो घटनाएं हैं जिस रूप में सामने आ रही है तीन चार जिलों में ज्यादा घटनाएं हो रही हैं पिछली सरकार ने क्योंकि ध्यान दिया नहीं हमेशा जो केस नंबर है एफआईआर नंबर कितने कम ज्यादा हुए उसके आधार पर हमारे पूर्व गृहमंत्री जी एप्रिशिएट करते गए, हौसलाअफजाई करते गए, उसकी वजह से और ज्यादा मुश्किलें बढ़ी हैं, हमने तय किया है सरकार बनते ही मैंने डीजी पुलिस को यह निर्देश दिए थे कि संख्या की चिंता नहीं करें जो थाने में जाएगा उसकी एफआईआर दर्ज होगी ही होगी पहले क्या हो रहा था कि एफआईआर लॉज ही मत करो जिससे क्राइम की संख्या कम दिखे।”
गहलोत ने आगे कहा, “उससे कोई फायदा नहीं है जो थाने में जाएगा वह कोई ना कोई तकलीफ वाला ही जाएगा। हो सकता है 5% उसमें गलत लोग भी हो उसको हम अलग से डील कर लेंगे पर थाने में जाने वाले आदमी को यह महसूस होना चाहिए कि मैं थाने पहुंच गया हूं मतलब मैं अब सुरक्षित हूं मेरे साथ न्याय होगा। यह मैंने कहा उसके बाद में संख्या बढ़ी भी है। मैं चाहूंगा उसकी अलग से मॉनिटरिंग हो और देखा जाएगा जो केसेज आ रहे हैं वह किस प्रकार के केस आ रहे हैं। नंबर 3 जो बहुत महत्वपूर्ण फैसला कर रहे हैं कि थाने के अंदर अगर कोई थानेदार एफआईआर दर्ज नहीं करेगा तो एसपी ऑफिस के अंदर हम प्रोविजन कर रहे हैं एसपी ऑफिस में प्रोविजन होगा कि जिस थाने में जो रिपोर्ट आएगी कि थानेदार ने एफआईआर लॉज नहीं की है एसपी ऑफिस में ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि एसपी ऑफिस में एफआईआर दर्ज होगी फिर उसकी मॉनिटरिंग होगी कि थाने में क्यों नहीं एफआईआर लॉज हुई है और थानेदार के खिलाफ कार्यवाही होगी इस प्रकार से मैं समझता हूं कि हम कुछ कदम उठाएंगे जिससे कि क्राइम रेट कम आए राजस्थान के अंदर।”
मुख्यमंत्री नें इस मामले में आगे कहा, “थानागाजी की घटना बहुत दुखद घटना है आज गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का भी कमीशन आ रहा है वहां पर चेयरमैन आ रहे हैं और हमारे कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जो है राहुल गांधी जी उन्होंने भेजा है मिस्टर नितिन राउत को जो हमारे एआईसीसी के एससी डिपार्टमेंट के हेड है वह जा रहे हैं बातचीत करेंगे परिवार से और इस केस को हम प्रायरिटी पर ले रहे हैं कमिश्नर की इंक्वायरी बिठा दी गई है, कि कहां-कहां चूक हुई है इंक्वायरी के अंदर आएगी, कार्यवाही करेंगे उस ऑफिसर के खिलाफ में कहां-कहां पर कमी रही है जांच के अंदर।
केस ऑफिसर स्कीम जो है यह अपने आप में ऐसी स्कीम है जिसमें follow-up होता ही जाएगा और बाकायदा जो गवाह है प्रॉसीक्यूशन का जो प्रोसेस होता है उसकी मॉनिटरिंग करने का मतलब है कि जितना जल्दी हो सके उनको सजा मिले और पहले एक दो घटना हुई भी है जिनमें सजा 3 महीने में 4 महीने में मिली भी है।”
राजस्थान पुलिस की कार्यवाई पर उन्होनें कहा, “तीनों निर्णय जो आज मैंने लिए हैं राजस्थान के पुलिस प्रशासन में इंपोर्टेंट निर्णय है एफआईआर एसपी ऑफिस में दर्ज हो सकती है यदि थाने में नहीं होती है तो पुलिस ऑफिसर स्कीम के अंदर इस केस को लिया जाएगा और एक सीईओ लेवल का ऑफिसर का काम यही रहेगा कि महिलाओं पर अत्याचार के मामलों को देखेगा आप समझ सकते हैं कि यह बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है।”
राजीव गांधी पर चल रहे विवाद के बारे में गहलोत ने कहा, “आई एन एस विराट को लेकर जो मजाक उड़ी है प्रधानमंत्री की पूरा देश और दुनिया देख रही है कि नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री स्तर के व्यक्ति द्वारा अपने पद की गरिमा घटाने का जो स्तर बना है आजादी के बाद आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ मोदी जी बौखला गए हैं जैसे मैंने पहले कहा आपको वसुंधरा जी की विदाई यात्रा चल रही है और वह पूरी हो चुकी है अब नरेंद्र मोदी जी की विदाई यात्रा चल रही है देश के अंदर इसलिए वह इतने बौखला गए हैं इतने घबरा गए हैं पिछले 1 सप्ताह से जो भाषा वह बोल रहे हैं, जिस तरह के आरोप लगा रहे हैं, उसको यह देश पसंद नहीं कर रहा है देश के नागरिक प्रधानमंत्री जी की भाषा को उनकी शैली को उनकी टिप्पणियों से लोगों में बहुत बड़ा गुस्सा है आक्रोश है उसका नतीजा मोदी जी को चुनाव में भुगतना पड़ेगा और जिस प्रकार आईएनएस विराट की बात की गई है उससे बड़ी मजाक कोई हो नहीं सकती प्रधानमंत्री अगर अपने मुंह से इतनी बड़ी बात कह दे कौन-कौन लोग उसके अंदर जहाज में थे, पिकनिक मनाने गए थे और नेवल चीफ अगर यह कहे हैं कि यह एक मजाक है हमारे साथ में हम किन परिस्थितियों में काम करते हैं कैसे हम लोगों का ऑफिशियल टूर था और प्रधानमंत्री के रूप में ले रहे हैं यह देश का दुर्भाग्य है।”