Thu. Dec 19th, 2024
    हिमा दास

    जूनियर विश्व एथलेटिक चैंपिनय हिमा दास, जो ‘ढींग एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर है ने कहा है, ” टेंशन नही, आराम से बिंदास भागो बस। असम के ढींग शहर के पास एक छोटे से गाँव कंधुलिमारी की रहने वाली 19 वर्षीय, ने पिछले साल आईएएएफ विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में स्वर्ण और जकार्ता में एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था जिसके बाद वह सुर्खियो में आई थी।

    एथलीट ने कहा, जो इस समय विश्व रिले प्रतियोगिता के लिए योकोहामा में कहा, “मैंने विश्व चैंपियनशिप के बाद लोगों को खेलों में बहुत रुचि लेते देखा है। एथलेटिक्स में बहुत लोग आए है। विश्व चैम्पियनशिप तक मुझे कोई नहीं जानता था। मुजे जीवन मे कुछ बनना है। मैं जो कुछ भी कर रही हूं वह देश के लिए है, क्योंकि लोगों ने मुझे पहचान और समर्थन दिया है। एक पदक मुजे मिला है तो इसका मतलब वह देश को मिला है।”

    और उन्हें भारत के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री, जैसे क्रिकेटरों, फुटबॉलरों और फिल्म सितारों के अलावा कई तिमाहियों से प्रशंसा मिली है। उन्होने कहा, “उद्योग के लोग मेरा समर्थन करते हैं। [मुख्य एथलेटिक्स] संघ के अध्यक्ष अभिषेक बच्चन भइया, अतुल कासबेकर, और फरहान अख्तर ने उपहार भिजवा दिया था। ” लेकिन उनके गुरु सचिन तेंदुलकर हैं। ” पर मैं मुख्य क्रिकेट के भगवन सचिन तेंदुलकर जी को मानती हूं।”

    दास का मानना है कि खिलाड़ियों को सफल होने के लिए कुछ पहल करनी चाहिए। “मैंने संघर्ष किया, घर से खुद निकल कर आई। मैंने कुछ वर्षों तक फुटबॉल खेला जहां लोगों ने मुझे देखा। थोडा सा निकल के बाहर आ जाए आप, बाद में बहूत अच्छे लोग आएंगे। यदि आप किसी एथलीट के बारे में जानते हैं, तो कृपया उसका समर्थन करें और उन्हें गौरवान्वित करें।”

    आगामी बायोपिक्स जैसे कि क्रिकेट के दिग्गज कपिल देव पर आ रही है, लेकिन हिमा को अपनी बायोपिक की कोई जल्दी नही है और वह अपने खेल को प्राथिमकता देना चाहती है। उन्होने कहा, “बायोपिक्स निश्चित रूप से बनाई जानी चाहिए। मिल्खा सिंह जैसे प्रतीक ने वह हासिल किया जो वे चाहते थे, यही कारण है कि उनकी बायोपिक उचित थी। हम लोगो की भी बन सकती है लेकिन अभी हम उस स्तर पर नही पहुंचे है। तब मैं सोचती हूं मेरी भूमिका कौन निभाएगी। अभि मैं पर खेल में ध्यान देना चाहती हूं।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *