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    चीन म्यांमार रोहिंग्या संकट

    हाल ही में कुछ दिनों पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी रोहिंग्या संकट के मद्देनजर म्यांमार पहुंचे थे। यहां पर वांग यी ने  म्यांमार नेता आंग सान सू की, राष्ट्रपति हटिन क्याव व म्यांमार सेना प्रमुख मिन आंग हलांग के साथ मुलाकात की थी।

    इस दौरान रोहिंग्या मुद्दे को लेकर चीन ने मदद करने की प्रतिबद्धता जताई थी। जिसके बाद म्यांमार सेना प्रमुख चीन भी पहुंचे थे। यहां पर चीन के कई वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करने के बाद शुक्रवार को म्यांमार सेना प्रमुख मिन आंग हलांग ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बीजिंग में मुलाकात की।

    जिसके बाद सेना प्रमुख ने बयान में बताया कि रोहिंग्या मुसलमान संकट पर चीन ने म्यांमार सेना का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन किया है। जहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर म्यांमार के इस कार्रवाई की आलोचना की जा रही है। वहीं चीन ने म्यांमार का साथ देने के लिए आगे आया है।

    गौरतलब है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में सेना की तरफ से रोहिंग्या मुसलमानों के ऊपर जातीय हिंसा व अत्याचार किए गए थे जिसके बाद करीब 6 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों को देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था।

    इस पर रोहिंग्या को बांग्लादेश में जाकर शरण लेनी पड़ी है। वहीं रोहिंग्या पर हुई इस हिंसात्मक कार्यवाही पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर म्यांमार की सेना को दोषी माना गया।

    चीन ने दिया रोहिंग्या पर म्यांमार का साथ

    रोहिंग्या अत्याचारों के लिए पश्चिमी देशों ने म्यांमार पर दबाव बनाया लेकिन वहीं चीन ने अब म्यांमार को कूटनीतिक समर्थन की पेशकश की है। अमेरिका व संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार सरकार द्वारा की गई इस कार्यवाही को जातीय सफाई करार दिया। रोहिंग्या संकट पर लाए गए प्रस्ताव को चीन ने सुरक्षा परिषद में रोक कर म्यांमार का समर्थन किया था।

    म्यांमार सेना प्रमुख मिन आंग हलांग के फेसबुक पेज पर एक बयान के मुताबिक, उन्होंने और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को दोनों देशों की सशस्त्र बलों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा की।

    इसके अलावा रखाइन प्रांत पर हुए रोहिंग्या मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना के सामने चीन, म्यांमार के साथ खड़ा है। मिन आंग हलांग मंगलवार को चीन पहुंचे थे और अपनी यात्रा के दौरान बड़े पैमाने पर चीनी सैन्य अधिकारियों से मिले थे।

    चीनी मीडिया के मुताबिक शी जिनपिंग ने कहा कि चीन शांति प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रखता है और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा और स्थिरता के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है।