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    अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पिओ

    अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने रविवार को कहा कि “उत्तर कोरिया के साथ परमाणु वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अभी भी वांशिगटन राह ढूंढ रहा है। यह बेहद गंभीर स्थिति है और हम जानते हैं कि इसका एकमात्र मार्ग पूर्ण निरीक्षित परमाणु निरस्त्रीकरण कठिन और लम्बी प्रक्रिया होगी।”

    पियोंगयांग से बातचीत

    उत्तर कोरिया की मीडिया के मुताबिक, किम जोंग उन की निगरानी में शनिवार को एक रॉकेट और सामरिक निर्देशित हथियारों का परिक्षण किया गया था। अमेरिका के साथ हाल ही में परमाणु वार्ता के असफल होने के बाद यह पियोंगयांग की चुनौती है।

    इस परिक्षण को पियोंगयांग की वांशिगटन के साथ ठप पड़ी वार्ता की निराशा की तौर पर देखा जा रहा है। उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण के बदले तत्काल प्रतिबंधों से निजात की जरुरत है।

    माइक पोम्पिओ ने कहा कि “शनिवार को दागे गए निम्न मारक क्षमता के थे और इसने किसी अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार नहीं किया है। यह उत्तर कोरिया के उत्तर में जल में लैंड हुई थी और इससे अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को कोई नुकसान नहीं हुआ था।”

    संधि जरूर होगी

    उन्होंने कहा कि “अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञों ने इस परिक्षण का अध्ययन जारी रखा है। लेकिन उन्हें सावधान रहना होगा कि कही यह टेस्ट डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच साल 2018 में हुए समझौते का उल्लंघन तो नही कर रहा है।” डोनाल्ड ट्रम्प ने भी शनिवार को इस परिक्षण की महत्वता को सार्वजनिक किया था।

    उन्होंने कहा कि “किम जानता है कि मैं उनके साथ हूँ और वह मुझसे किया वादा नहीं तोड़ना चाहते हैं। संधि जरुरी होगी।” फरवरी में हनोई में आयोजित मुलाकात के बगैर किसी समझौते के रद्द होने के बाद दोनों पक्षों के बीच मतभेद बढ़ गए हैं।

    माइक पोम्पिओ ने रविवार को कहा कि “हमें अभी भी यकीन है कि वार्ता के परिणाम को हासिल करने का अवसर अभी भी बाकी है, जहां हम पूर्ण निरीक्षित परमाणु निरस्त्रीकरण करेंगे। हम वार्ता के स्तर पर वापस आना चाहते हैं।”

    हाल ही में उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया था कि पोम्पिओ ने बेतुका और भयावह बयान दिया है और पियोंगयांग को उम्मीद है कि अमेरिका किसी अन्य सक्रीय और परिपक्व वार्ताकार को नियुक्त करेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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