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    amit shah

    नई दिल्ली, 4 मई (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने चार चरणों में मतदान हो जाने के बाद शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के शासन काल में हुए एक कथित रक्षा सौदा को लेकर निशाना साधा।

    शाह ने राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर किए जा रहे हमले पर पलटवार करते हुए एक ट्वीट में कहा, “मिडास टच के आगे कोई सौदा बड़ा नहीं है।”

    मिडास टच से अभिप्राय एक जादुई शक्ति से है जिसके संपर्क में आने पर कोई चीज सोना बन जाती है।

    शाह ने ट्वीट में कहा, “जब वह सत्ता में थे तो उनके कारोबारी साझेदारों की चांदी थी। इसकी कोई परवाह नहीं थी कि भारत को नुकसान भुगतना पड़ रहा है।”

    उन्होंने यह बात मीडिया रिपोर्ट में हुए खुलासे के संदर्भ में कही जिसमें बताया गया है कि यूके की कंपनी बैकॉप्स लिमिटेड में उनके (राहुल गांधी) पूर्व कारोबारी साझेदार ने संप्रग के शासन के दौरा रक्षा सौदे में ऑफसेट करार किया था।

    इसी कंपनी ने अपने दस्तावेजों में कहा है कि राहुल गांधी ब्रिटेन के नागरिक हैं।

    पूर्व साझेदार यूलरिक मैकनाइट भी बैकॉप्स में सह-साझेदार थे जिन्होंने केंद्र में संप्रग की सरकार के दौरान रक्षा संपत्ति का अधिग्रहण किया था।

    मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि 2003 और 2009 के दौरान बैकॉप्स में राहुल गांधी के 65 फीसदी शेयर थे।

    हालांकि उसके बाद मैकनाइट ने फ्रांस की रक्षा आपूर्तिकर्ता कंपनी नेवल ग्रुप से 2011 में स्कॉर्पीन पनडुब्बी के लिए ऑफसेट करार किया।

    बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने स्कॉर्पीन मिसाइल के लिए जरूरी कल-पुर्जो की आपूर्ति के लिए विशाखापत्तनम स्थित कंपनी के साथ भी करार किया।

    राहुल गांधी ने शनिवार को एक प्रेसवार्ता में इन आरोपों और शाह की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, “आप मेरे विरुद्ध जो भी जांच कराना चाहते हैं, कृपया कर लीजिए। लेकिन कृपया राफेल की भी जांच कराइए।”

    भारत में भी बैकॉप्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी है जिसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सह-निदेशक हैं। इस कंपनी में राहुल गांधी की 83 फीसदी की हिस्सेदारी है और उसमें उन्होंने 2.50 लाख रुपये की पूंजी निवेश की है।

    रिपोर्ट के अनुसार, मैकनाइट के लिए उन्होंने फ्रांस की कंपनी से ऑफसेट करार हासिल किया था।

    रिपोर्ट के अनुसार, उनके करार के हिस्से के रूप में 2011 में नेवल ग्रुप मैकनाइट ने विशाखापत्तनम की कंपनी फ्लैश फोर्ज प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया था, जिसके तहत स्कॉर्पीन पनडुब्बी के लिए जरूरी उपकरण की आपूर्ति की जानी थी। यह पनडुब्बी मुंबई स्थित मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में बन रही थी। पनडुब्बी के विनिर्माण के लिए 20,000 करोड़ रुपये का सौदा किया गया था।

    भारतीय कंपनी फ्लैश फोर्ज ने यूके की कंपनी ऑप्टिकल आर्मर लिमिटेड का भी अध्रिहण किया था जिसमें मैकनाइट को निदेशक का पद दिया गया था। कंपनी में उनके 4.9 फीसदी शेयर भी थे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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