साल 2018 हार्दिक पांड्या के लिए एक अच्छी शुरुआत के साथ शुरु नही हुआ था, जिसमे वह एक लोकप्रिय चैट शो कॉफी विद करण में महिलाओ के ऊपर की गई अभद्र टिप्पणियो से विवाद में घिर गए थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को 25 वर्षीय खिलाड़ी द्वारा की गई टिप्पणियां पसंद नही आई थी जिसके चलते उन्हें अनंतिम रूप से निलंबित कर दिया गया था।
लेकिन उसके बाद उन्होने फरवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ चल रही पांच वनडे मैचो की सीरीज से वापसी की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने इसके बाद शीर्ष न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीके जैन को बीसीसीआई के लिए पहला लोकपाल नियुक्त किया। हार्दिक पर तब उसकी अनुचित टिप्पणी के लिए 20 लाख का जुर्माना लगाया गया था।
19 अप्रैल को आधिकारिक तौर पर घोषित एक आदेश में, लोकपाल ने हार्दिक से कहा था कि आपको क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (सीएबी) द्वारा बनाए गए फंड में जुर्माने के तौर पर 10 लाख रुपये जमा करवाने होंगे।
इसके अलावा, हार्दिक को सैन्य बलों में 10 कांस्टेबल की सबसे योग्य विधवाओं में से प्रत्येक को 1 लाख रुपये की राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया था, जिन्होंने भारत के वीर ऐप के माध्यम से ड्यूटी पर अपना जीवन खो दिया है। मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक हार्दिक पहले ही सीएबी फंड में 10 लाख जमा करा चुके है।
पांड्या स्पष्टता के लिए बीसीसीआई की मदद चाहते हैं
हालांकि, यह पता चला है कि वह बाकी के पैसे जमा करने के बारे में निश्चित नहीं है। वह ‘सबसे योग्य विधवाओं’ की पहचान करने के बारे में उलझन में है, जिन्हें राशि दी जानी है। इस मुद्दे पर अधिक स्पष्टता प्राप्त करने के लिए, पांड्या ने बीसीसीआई अधिकारियों से मदद मांगी है।
जहां तक विवादास्पद प्रकरण का सवाल है, केएल राहुल पांड्या भी इसके साथ जुड़े थे और यहां तक कि उन्हें निलंबित भी किया गया था। हार्दिक के साथ, उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे से घर वापस भी भेजा गया था। राहुल पर 20 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था, लेकिन अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि उन्होने इसका भुगतान किया है या नहीं।