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    uttarakhand high court

    देहरादून, 3 मई (आईएएनएस)| उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पहाड़ी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास सहित सभी सरकारी सुविधाएं अवैध और असंवैधानिक हैं।

    मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुलबे की खंडपीठ ने सभी मुख्यमंत्रियों से यह भी कहा कि वे बाजार दर के अनुसार इस तरह के आवासों के किराए का भुगतान करें।

    याचिकाकर्ता के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कहा, “सामाजिक कार्यकर्ता अवधेश कौशल की एक जनहित याचिका पर अंतिम फैसला सुनाते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य में 2001 से सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को मुहैया कराई गईं सभी सरकारी सुविधाओं को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया।”

    अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को उपलब्ध कराई गई बिजली, पानी और पेट्रोल जैसी सुविधाओं को लेने के लिए किए जाने वाले भुगतान की गणना राज्य सरकार चार महीनों में कर ले और सुविधाएं लेने वालों को सूचित कर दिया जाए कि वे छह महीनों के अंदर सरकार को भुगतान कर दें।

    अदालत ने कहा कि यदि निर्धारित समय के भीतर भुगतान नहीं किए गए तो राज्य सरकार उनके खिलाफ वसूली कार्यवाही शुरू कर सकती है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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