म्यांमार की सुरक्षा सेना ने देश में पश्चिमी रखाइन में विद्रोहियों से संपर्क के शक में छह लोगो की हत्या कर दी है। सेना के मृतक लोगो का विद्रोही अराकन आर्मी से नाता था। खोजी अभियान के दौरान सेना ने 275 लोगो को हिरासत में लिया था। सेना और विद्रोहियों के बीच यहां संघर्ष का दौर जारी है।
संसद के अपर हाउस के सदस्य खीम मौंग लाट ने कहा कि “सेना के खिलाफ विद्रोह के बाद सैनिको ने नज़रबंदी गाँव वालो पर ओपन फायर कर दिया था। गाँव वाले गोलीबारी के दौरान मर गए थे और आठ अन्य बुरी तरह जख्मी है।” इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ द रेड क्रॉस और म्यांमार रेड क्रॉस ने बयान में कहा कि “बुरी तरह से घायल तीन लोगो को अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।”
म्यांमार में आईसीआरसी के प्रतिनिधि समूह के प्रमुख स्टेफेन सकलियन ने कहा कि “हालिया हफ्तों में नागरिक हताहत की संख्या में वृद्धि के बाबत आईसीआरसी चिंतित है। साथ ही सभी पक्षों से अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार कानून के तहत जनता की हिफाजत करने का आग्रह करते है।”
साल 2017 में 740000 रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार से भागकर बांग्लादेश की सरहद पर पंहुच गए थे। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी जांच में बताया कि “सेना के अधिकारीयों के सहयोग से नागरिकों की हत्या, सामूहिक बलात्कार और आगजनी किया था। हालाँकि सेना ने किसी गलत कृत्य को अंजाम देने के आरोप से इंकार कर दिया था।
म्यांमार की सेना और अराकन आर्मी के बीच म्यंमार की सरजमीं पर संघर्ष जारी रहता है। बौद्ध बहुल देश में मुलसलिम अल्पसंख्यकों के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव किया जाता है। यूएन ने इन हत्याओं को नरसंहार करार दिया था।