भुवनेश्वर, 3 मई (आईएएनएस)| ओडिशा में शुक्रवार को फानी चक्रवात को लेकर सावधानी के मद्देनजर बीते 24 घंटों में करीब 10 लाख लोगों को राज्य के कई जिलों से हटाया जा चुका है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।
सुबह 8 बजे से 10 बजे के मध्य दक्षिण पुरी से चक्रवात के टकराने की संभावना है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, सुबह 8 बजे के करीब तूफान के केंद्र का व्यास 30 किलोमीटर था, जो कि 18 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
भारतीय नौसेना के पोत सह्याद्रि, रणवीर और कदमट्ट राहत सामग्री और चिकित्सीय दल के साथ तैयार हैं।
वहीं, पुरी, पारादीप, भुवनेश्वर, गोपालपुर में गुरुवार रात से ही हल्की बारिश हो रही है, जो कि शुक्रवार की सुबह भी जारी है।
10:35 AM
ओडिशा में भीषण चक्रवाती तूफान फानी का कहर शुरू हो चुका है। श्रेणी-4 के तूफान के दौरान हवा की रफ्तार 150 से 175 किलोमीटर रही, जबकि कुछ स्थानों पर इससे भी ज्यादा रफ्तार रही।
भारतीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
भुवनेश्वर मौसम केंद्र के निदेशक एच. आर. विश्वास ने कहा, “पुरी में फानी के आने की प्रक्रिया सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक में होगी।”
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार अभी चक्रवात के केंद्रबिंदू का व्यास 28 किलोमीटर है।
अधिकारियों ने बताया कि, पुरी में समुद्र की स्थिति अशांत है। तटीय इलाकों से करीब 5 किलोमीटर दूर तक स्थान को खाली करवा दिया गया है। इसके साथ ही चांदीपुर में शांत रहने वाले समुद्र की स्थिति भी उग्र है।
4:55 PM
चक्रवाती तूफान फानी ने पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में दस्तक देने के पहले 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज रफ्तार से आगे बढ़ते हुए ओडिशा के कई जिलों में भारी तबाही मचा दी है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग लगातार इससे जुड़े अपडेट जारी कर रहा है।
फानी के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हवाईअड्डों को बंद कर दिया गया है। कई उड़ानें रद्द होने की वजह से यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
12.30 बजे तक की जानकारी के अनुसार, गंजम, पुरी व जगतसिंहपुर जिलों में कई स्थानों पर 140-150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से पहुंचने वाले तूफान की गति बढ़कर 165 किलामीटर प्रतिघंटा हो गई है।
खोरदा, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, धानकेनाल, भद्रक, बालासोर और नयागढ़ में भारी बारिश हो रही है।
इसके साथ ही 11 बजे से लेकर दोपहर के 2 बजे तक अंगुल, क्योंझर, मयूरभंज तथा आसपास के जिलों में 60-70 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ चक्रवाती तूफान और भारी बारिश की संभावना है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पुरी में कई घरों को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही तेज रफ्तार हवा ने हजारों पेड़ों और बिजली के खंभों को उखाड़ फेंका है।
नौसेना, वायुसेना और थलसेना हालात पर कड़ी निगरानी रखे हुई हैं।
एनडीआरएफ के शीर्ष अधिकारी जे.पी शर्मा ने मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमानों को सही बताते हुए समाचार चैनलों को बताया, “तूफान के आगे बढ़ने के बाद उससे हुई हानि का जायजा लेने के बाद हमारा काम वास्तव में शुरू होगा।”
उन्होंने कहा कि तूफान से हुए विनाश के सर्वेक्षण के लिए भारतीय नौसेना के टोही विमान पी 81 और डोर्नियर को काम में लगाया जाएगा।
चक्रवाती तूफान ने पुरी के पास के ओडिशा के तटीय क्षेत्र को सुबह 8 से 10 बजे के बीच में पार करना शुरू कर दिया था, हालांकि यह क्रम दोपहर 1 बजे तक जारी रहा।
तूफान ने कई जिलों में सड़क और बिजली व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है।
विशेष राहत आयुक्त विष्णुपद सेठी ने कहा कि उन्हें पेड़-पौधों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है, वहीं इस दौरान जानमाल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रपाड़ा के राजनगर ब्लॉक के देवेंद्रनारायणपुर में बनाए गए राहत शिविर में 65 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की मौत की सूचना मिली है। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
मौसम विभाग ने बताया कि तेज रफ्तार हवा के साथ ही राज्य में आगामी कुछ घंटों तक लगातार तेज बारिश होगी।
अधिकारियों ने बताया कि पुरी में समुद्र की स्थिति अशांत है। तटीय इलाकों से करीब 5 किलोमीटर दूर तक स्थान को खाली करवा दिया गया है। इसके साथ ही चांदीपुर में शांत रहने वाले समुद्र की स्थिति भी उग्र हो गई है।
ओडिशा में शुक्रवार को चक्रवात फानी को लेकर सावधानी के मद्देनजर बीते 24 घंटों में करीब 11 लाख लोगों को राज्य के कई जिलों से हटाया जा चुका है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। इसमें गंजम और पुरी के जिलों से क्रमश: 3 लाख और 1.3 लाख लोग सुरक्षित स्थान पर भेजे गए।
कई लोग हालांकि अपने घरों से बाहर नहीं जाना चाहते थे, जिससे निकासी के दौरान बचावकर्मियों को काफी मशक्क्त का सामना करना पड़ा।
वहीं, पुरी, पारादीप, भुवनेश्वर, गोपालपुर में गुरुवार रात से ही हल्की बारिश हो रही है।
174 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही तेज हवा ने चिल्का क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया है।
तकरीबन 10 हजार ग्रामीण और 52 स्थानीय शहरी लोग इस चक्रवाती तूफान से प्रभावित हुए हैं।
राज्य सरकार ने लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
वहीं 11 तटीय जिलों में सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, निजी व सरकारी दफ्तर बंद रहे।