हमास ने गुरूवार को इजराइल की तरफ दो रॉकेट दागे हैं और यह इजराइल के रॉकेट फायर के प्रतिकार में था। कुछ घंटो पूर्व इजराइल ने ऐलान किया था कि “उनके जंगी जहाजों ने गाजा पट्टी पर स्थित उत्तरी भाग में हमास के ठिकानों को निशाना बनाया था।”
इजराइल की रक्षा सेना ने कहा कि “विस्फोट और अर्सोन बैलून को गाजा से आज सुबह इजराइल की तरफ लांच किया गया था। हमारी वायु सेना ने हमास आतंकी समूह के गाजा पट्टी से किये हमलो में फंस गयी थी और इसके लिए हमास जिम्मेमदार है।”
दोनों पक्षों की तरफ से राकेट को दागना संघर्ष विराम का उल्लंघन है जिसे मिस्र ने इजराइल और हमास के बीच किया था और यह 1 अप्रैल से प्रभावी हुआ था। बीते वर्ष से इजराइल- गाजा सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है। फिलिस्तीन ने इजराइल की सेना और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
इजराइल के साथ गाजा की बाड़ में बीते वर्ष प्रदर्शन हुआ था, जिसमे काफी रक्तपात हुआ था। इसमें इजराइल स्नाइपर फायर से 260 से अधिक फिलिस्तानी नागरिकों की मृत्यु हुई थी। करीब 7000 लोग जख्मी हुए थे। महीनों से सैन्य तनाव बढ़ने के कारण मिस्र भी बिचौलिए की भूमिका निभा रहा है।
हाल ही में तेल अवीव पर दागे गए रॉकेट में एक परिवार का घर ध्वस्त हो गया था और सात लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। इसके बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी इजराइल की बाड़ के नजदीक गाजा शहर में पहुंचना शुरू हो गए थे। साल 1976 में छह फिलिस्तानियों की हत्या के स्मरण में 30 मार्च को वार्षिक प्रदर्शन किया जाता है। यह प्रदर्शनकारी यहूदी समुदाय को बसाने के लिए अपनी जमीन के कब्जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
इजराइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्यहु की सरकार ने संसद की शपथ ली है और राष्ट्रपति चुनावो में उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा बहुमत मिला है।