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    पणजी, 2 मई (आईएएनएस)| राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की प्रमुख पीठ ने गोवा तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (जीसीजेडएमए) को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के साथ एक करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है। हरित प्राधिकरण के निर्देशों की अवज्ञा करने पर अंतरिम पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर यह आदेश दिया गया।

    यह आदेश गोवा पर्यावरण संरक्षण संघर्ष समिति द्वारा राज्य के कोस्टल रेग्यूगेलशन जोन (सीआरजेड) में अवैध ढांचों को गिराए जाने के लिए दाखिल की गई याचिका पर आया है।

    इस आदेश को न्यायमूर्ति एस.पी.वांगडी, के.रामकृष्णन व नागिन नंदा ने बुधवार को पारित किया और गुरुवार को सार्वजनिक किया। एनजीटी ने जीसीजेडएमए को एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया कि क्या उसके आदेश पर कार्रवाई करने में विफल रहने पर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए।

    एनजीटी के आदेश में कहा गया, “11 फरवरी, 2017 के आदेश के संबंध में विफल रहने पर जीसीजेडएमए अंतरिम पर्यावरण मुआवजे के तौर पर 1 करोड़ रुपये सीपीसीबी के साथ एक हफ्ते में जमा करेगा।”

    इसमें कहा गया है, “इस संदर्भ में एक अनुपालन रिपोर्ट प्राधिकरण के समक्ष तीन हफ्तों के भीतर ईमेल के जरिए दायर की जानी चाहिए।”

    एनजीटी ने नवंबर 2017 में जीसीजेडएमए को सीआरजेड में निर्माण को लेकर एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन उसने कहा कि वह रिपोर्ट की गुणवत्ता से खुश नहीं था।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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