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    bfi president ajay singh

    नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)| बैंकॉक एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीय खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन से भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह गदगद हैं। अजय सिंह चाहते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुक्केबाज और बेहतर करें लेकिन साथ ही उनका मानना है कि अभी भी घरेलू सर्किट को मजबूत करने के लिए काफी मेहनत की जरूरत है और अब उनका ध्यान घरेलू सर्किट को ताकतवर बनाने पर है।

    भारतीय मुक्केबाजों ने एशियाई चैम्पियनशिप में कुल 13 पदक अपने नाम किए, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक शामिल हैं। इस चैम्पियनशिप के लिए भारत ने 20 खिलाड़ियों का दल भेजा था।

    अजय सिंह ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में भारत की ऐतिहासिक सफलता पर खुशी जाहिर की लेकिन साथ ही माना है कि इस प्रदर्शन के बाद संतुष्ट नहीं होना है।

    सफल उद्योगपति अजय ने कहा, “एशियाई चैम्पियनशिप में हमारा इस बार जो प्रदर्शन रहा है, वह आज तक का ऐतिहासिक प्रदर्शन है। हमने कुल 13 पदक जीते हैं। मैं इससे काफी खुश हूं, लेकिन आगे का रास्ता काफी मुश्किल है। उस पर काफी काम करना है। काफी बड़े टूर्नामेंट हैं। इस सफलता से हमें संतुष्ट नहीं होना है। कोशिश करेंगे कि हमारा ग्राफ ऊपर चढ़ता रहे। इसमें खास बात यह है कि हमारे कई युवा खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। विश्व चैम्पियन, कई ओलम्पिक पदक विजेताओं को पराजित किया। हमारे खिलाड़ियों का हौसला काफी ऊंचा है लेकिन अभी मेहनत जारी रखनी पड़ेगी।”

    घरेलू विमानन कम्पनी स्पाइसजेट के मालिक अजय ने माना कि अभी घरेलू सर्किट में सुधार करने तथा ज्यादा टूर्नामेंट आयोजित कराने की बात पर जोर दिया है, लेकिन साथ ही उन्होंने माना कि इसमें समय लगेगा।

    उन्होंने कहा, “घरेलू सर्किट में अभी काफी काम करना है। हमें अपने घरेलू सर्किट को काफी मजबूत करना है, क्योंकि अगर हमें अपने मुक्केबाजों को एक बड़ा पूल तैयार करना है तो घरेलू सर्किट को काफी मजबूत और बड़ा बनाना होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हम काफी टूर्नामेंट खेल रहे हैं।”

    उन्होंने कहा, “हम अपने खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मौके तो बहुत दे रहे हैं लेकिन घरेलू सर्किट को बढ़ाने का काम बाकी है। हम अभी तक लगातार नेशनल चैम्पियनशिप करा रहे हैं, लेकिन वो काफी नहीं है। हमें लोकल टूर्नामेंट्स कराने होंगे। वाईएमसीए से हमने बात की। उनकी एक पुरानी चैम्पियनशिप थी ,उसको शुरू करने को लेकर हम बात कर रहे हैं। हमें लगता है कि हर प्रदेश में ओपन चैम्पियनशिप करानी चाहिए। यह नहीं कि सिर्फ आप सिर्फ महासंघ के जरिए ही टूर्नामेंट में खेले। ओपन चैम्पियनशिप से हमें कई प्रतिभाएं मिलेंगी और उसमें सभी को हिस्सा लेने दें। लोकल चैम्पियनशिप को हमें बढ़ावा देना होगा इस पर हमें अभी आने वाले दिनों में काफी काम करना है।”

    अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) और अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ (आईओसी) के बीच विवाद के चलते मुक्केबाजी को टोक्यो ओलम्पिक-2020 में शामिल करने पर काले बादल मंडरा रहे हैं। आईओसी ने पूर्व अध्यक्ष गाफुर राखिमोव के आपराधिक मामलों में संलिप्तता, वित्तीय गड़बड़ियों और प्रशासनिक खामियों के कारण मुक्केबाजी का टोक्यो ओलम्पिक-2020 में हिस्सेदारी को लटका दिया है।

    इसी कारण राखिमोव ने इस्तीफा दे दिया था और मोहम्मद मुश्ताशाने को अंतिरम अध्यक्ष नियुक्त किया था। राखिमोव पर हालांकि अभी तक आरोप साबित नहीं हुए हैं। एआईबीए के इलीट फाउंडेशन के प्रमुख अजय सिंह से जब यह सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह अपने स्तर पर इस विवाद को सुलझाने के लिए अपने सुझाव दे रहे हैं और उम्मीद जताई की यह विवाद जल्दी खत्म होगा।

    अजय ने कहा, “एआईबीए और आईओसी का जो विवाद है, उम्मीद है कि वो जल्दी खत्म हो जाएगा। इसमें हम उनकी मदद करने की काफी कोशिश कर रहे हैं। हम सभी चाहते हैं कि यह एक क्लीन स्पोर्ट रहे। इसमें अतीत में जो समस्याएं आई हैं, वो नहीं आए। एआईबीए कोशिश कर रहा है कि जो समस्याएं अतीत में आई हैं वो नहीं आए और एक पारदर्शिता बनाई जाए। सब लोग एकजुट होकर काम कर रहे हैं। बीएफआई के तौर पर हमने अपने सुझाव दिए हैं। भारत की विश्व मुक्केबाजी जगत में अच्छी धाक है इसलिए वो हमसे लगातार चर्चा करते रहते हैं। हम यही चाहते हैं कि आईबा और आईओसी के रिश्ते बेहतर हों।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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